मकर संक्रांति के मौके पर कुदरा बाजार के समीप रामलीला मैदान और पुसौली के बघेल हाई स्कूल के मैदान में परंपरागत रूप से मेले लगे। कोहरे से भरे गीले मौसम और कड़ाके की ठंड के बावजूद मेलों में खरीदारी करने और घूमने वालों की काफी भीड़ रही। मेलों में चरखी, झूलों तथा खिलौनों की दुकानों पर जहां बच्चों की भीड़ देखी गई, वहीं पत्थर, लकड़ी व लोहे के घरेलू इस्तेमाल वाली चीजों की दुकानों पर ग्रामीण अपने काम लायक वस्तुओं के लिए मोलभाव करते दिखे। सील, जांता, ओखल, मूसल, हंसुआ, पहसुल, लाठी आदि जैसी घरेलू इस्तेमाल की चीजों को लोग विशेष रूप से खरीदते देखे गए। मेलों में पकोड़े, छोले, चाट और मिठाइयों की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ लगी रही। कुदरा के रामलीला मैदान में अगले दिन 15 जनवरी को भी मेला रहेगा। स्थानीय लोगों के मुताबिक कुदरा प्रखंड के मेलों का काफी पुराना इतिहास है। पूर्व के समय में लोग अपनी जरूरत की चीजों की खरीदारी के लिए मेलों का इंतजार करते थे। समय के साथ स्थाई बाजारों के विकास के साथ मेलों की उपयोगिता कम हो गई। इसके बावजूद त्योहार के दिन मेला घूमने और खरीदारी करने का मोह लोगों को अभी भी मेलों में खींच लाता है।
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Posted By: Jagran
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