किशनगंज। नगर परिषद ने लगभग एक साल पहले कचड़े से जैविक खाद बनाकर मुनाफा कमाने की सोच रही थी। जिसको लेकर नगर विभाग के संयुक्त सचिव अरविन्द्र कुमार झा ने नगर परिषद द्वारा महेश बथना में 12 एकड़ जमीन की भौतिक सत्यापन कर नप पदाधिकारी को कई निर्देश भी दिए थे। जिसमें बंदोबस्त जमीन पर पीट मशीन लगाकर जैविक खाद बनाकर किसानों को बेचने के लिए योजना बनी थी। जिसकों लेकर नगर परिषद द्वारा शहर के 16 हजार परिवारों को दो डस्टबीन उपलब्ध करवाया गया था। जिसमें एक डिस्टबीन में सूखा कचड़ा और दूसरे डस्टबीन में गीला कचड़ा जमा करने की सलाह दी गई थी। जिसे बाद में सफाई कर्मियों के द्वारा सीधे घरों व गली मोहल्लों से निकलने वाली कचड़े को महेश बथना ड्रपिग ग्राउंड में ले जा कर गिराना था। जहां सूखा कचड़े से कबाड़ की वस्तुओं को निकाल बेचने के साथ बाकी कचड़े को पीट मशीन द्वारा जैविक खाद बनाया जाना था। सफाई कर्मियों द्वारा गली-मोहल्लों से कचड़े को उठाकर शहर के खाली पड़े जगहों और सड़कों के किनारे जमा कर देते है। जिस कारण कई जगहों पर कचड़े का अंबार बनाता जा रहा है। जगह-जगह जमा कचड़ों में सड़ने की समस्या से इलाके में दुर्गध की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं बेसहारा पशुओं द्वारा खाने की तलाश में उन कचड़ो को सड़कों पर फैला दिए जाते हैं। जिससे राहगीरों को सड़कों पर चलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धरमगंज चौक में विगत कई महीनों से कचड़ा जमा कर कचड़े का अंबार बना दिया गया है। मारवाड़ी कॉलेज सड़क किनारे भी कचड़ा जमा होने से दुर्गध की समस्या उत्पन्न हो गई है। शहर के गांधी चौक, कैलटेक्स चौक, धरमगंज महावीर मार्ग मोड़, फल चौक, कसेरा पट्टी रोड़ सहित शहर के कई चौक-चोराहे पर कचड़ा जमा रहता है। नप पदाधिकारी मंजूर आलम ने कहा कि महेशबथना में बंदोबस्त जमीन पर कार्य प्रगति पर है। साथ ही शहर में कहीं-कहीं कचड़े जमा होने की सूचना मिली है। जल्द ही उन जगहों से कचड़ें को हटा कर डम्पिग ग्राउंड में जमा किया जाएगा।
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Posted By: Jagran
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