-आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की रिक्ति वेबसाईट पर अपलोड नहीं करना पड़ा महंगा
-सुनवाई की अगली तिथि को प्रतिवेदन के साथ उपस्थित होने का आदेश
-----------------------------
जागरण संवाददाता, सुपौल: आईसीडीएस निदेशालय पटना द्वारा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के जिले के लगभग दो सौ रिक्ति के विरुद्ध प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में डीपीओ के द्वारा वेबसाईट पर रिक्ति का अपलोड नहीं किए जाने के मामले में कार्यालय में उपस्थित रह कर सुनवाई में भाग नहीं लेना डीपीओ को महंगा पड़ा गया है। भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के अनिल कुमार सिंह के परिवाद के आलोक में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने आईसीडीएस के डीपीओ को नोटिस जारी कर मंगलवार को सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश जारी किया था। लोक प्राधिकार सह डीपीओ का सुनवाई में उपस्थित नहीं होने के कृत्य को लोक शिकायत निवारण से संबंधित मामले के निवारण में उनके अरूचि को प्रदर्शित करता है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अशोक कुमार झा ने लोक प्राधिकार के द्वारा अपने जिम्मेवारी का निर्वहन नहीं करने के मामले में दोषी पाते हुए जिलाधिकारी से कार्रवाई हेतु अंतरिम आदेश पारित किया है। सुनवाई की अगली तिथि 7 जनवरी 2020 को निर्धारित करते हुए लोक प्राधिकार डीपीओ को स्वयं उपस्थित होकर प्रतिवेदन दाखिल करने का आदेश जारी किया है।
-----------------------------
क्या है मामला
आईसीडीएस पटना के निदेशक ने जिले के डीपीओ एवं सभी सीडीपीओ को पत्र जारी कर जिले के रिक्त आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के चयन कार्य पूरा करने हेतु कार्यक्रम निर्धारित किया है। पत्र में आदेश दिया गया है कि निदेशालय स्तर से विज्ञापन हेतु यह अंतिम अवसर है। सभी सीडीपीओ एवं डीपीओ को निश्चित रूप से रिक्तियों को आईसीडीएस के वेबसाईट पर अपलोड कर देने का आदेश दिया गया है। दैनिक समाचार पत्र में बिहार सरकार द्वारा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका चयन से संबंधित सूचना 22 दिसंबर 2019 एवं 01 जनवरी 2020 को प्रकाशित किया गया है। ऑनलाईन आवेदन करने की तिथि 23 दिसंबर से 6 जनवरी 2020 तक निर्धारित किया गया है। लेकिन सुपौल जिला की रिक्ति वेबसाईट पर अपलोड नहीं किए जाने के कारण सुपौल जिला के बेरोजगार महिला आवेदन नहीं भर पा रही है। जबकि जिले में लगभग 200 रिक्तियां उपलब्ध है।
----------------------------------
भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान ने दायर किया परिवाद
भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान से जुड़े आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने जनहित में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुपौल के समक्ष 28 दिसंबर 2019 को एक परिवाद दाखिल कर सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर सेविका-सहायिका के चयन कार्य संपन्न करवाने की गुहार लगाई है। मामले की गंभीरता से लेते हुए परिवाद दर्ज कर डीपीओ को नोटिस जारी कर सुनवाई की तिथि 31 दिसंबर 2019 को निर्धारित कर दिया गया। परिवाद में कहा गया है जिले में लगभग 200 रिक्तियां उपलब्ध है। डीपीओ एवं सीडीपीओ के द्वारा विभाग के बेवसाईट पर रिक्ति को अपलोड नहीं किया गया है। जिसके कारण जिले के महिला बेरोजगार आवेदन नहीं कर पा रही है। जबकि राज्य के 34 जिला की रिक्ति वेबसाईट पर अपलोड है।
----------------------------------
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी का आदेश
जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अशोक कुमार झा ने 31 दिसंबर को अंतरिम आदेश पारित कर रिक्ति अपलोड नहीं करने वाले डीपीओ एवं सीडीपीओ के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा जिलाधिकारी से की है। आदेश में अंकित है कि सुनवाई में परिवादी उपस्थित हुए, जबकि लोक प्राधिकार की ओर से प्रतिनियुक्त प्रतिनिधि लिपिक दीनानाथ प्रसाद उपस्थित हुए हैं। परिवादी द्वारा डीपीओ की अनुपस्थाति पर आपत्ति देने पर डीपीओ के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि लोक प्राधिकार डीपीओ समाहरणालय अवस्थित अपने कार्यालय है। लोक प्राधिकार का यह कृत्य लोक शिकायत निवारण से संबंधित मामले में निवारण में उनके अरूचि को प्रदर्शित करता है। प्रतिवेदन से ज्ञात होता है कि समय सीमा बढ़ाने हेतु निदेशालय से पत्राचार किया गया है। परन्तु निदेशालय को पत्र भेजे जाने संबंधी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है। इस बिन्दु पर जिलाधिकारी के स्तर से कार्रवाई अपेक्षित है। मामला इस परिपेक्ष्य में और गंभीर हो जाता है। जब एतद संबंधी विभागीय पत्रांक 8781 दिनांक 19 दिसंबर 2019 में उल्लेखित है कि निदेशालय स्तर से विज्ञापन प्रकाशन हेतु यह अंतिम अवसर है।
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस