केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार में गंगा नदी पर एक नया पुल बनाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। यह पुल 4.56 किलोमीटर लंबा होगा और दीघा को सोनपुर से जोड़ेगा। इस पूल के निर्माण से बिहार को आर्थिक - सामाजिक विकास होगा, बेहतर कनेक्टिविटी होगी और व्यापारियों को व्यापर में सहुलिया होगी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को बिहार को एक बड़ी सौगात दी। कैबिनेट ने राज्य में गंगा नदी पर नए पुल के निर्माण को अनुमति दे दी है। 3064.45 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल की लंबाई 4.56 किलोमीटर होगी और ये लगभग 3.5 साल में बनकर तैयार होगा।
6 लेन वाला यह पुल बिहार के दीघा और सोनपुर को जोड़ेगा और इन दोनों के बीच आवाजाही को बेहतर बनाएगा। बताया जा रहा है कि इस पुल की ऊंचाई इतनी होगी कि इसके नीचे से बड़े जहाज भी निकल पाएंगे। इससे देश और राज्य में इनलैंड वॉटर ट्रांसपोर्ट को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
42 महीने में पूरा होगा इस पूल का निर्माण कार्य
काम शुरू होने के 42 महीनों के अंदर इसका निर्माण पूरा करने का टारगेट रखा गया है। यह पुल बिहार के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों को बेहतर तरीके से जोड़ेगा और आना-जाना आसान करेगा।
केंद्र सरकार का कहना है कि यह नया पुल पूरे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को रफ्तार देगा। इसके अलावा इससे कुशल और अकुशल कामगारों के लिए रोजगार के सीधे मौके भी बनेंगे। बता दें कि इस पुल को इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (EPC) मोड पर बनाया जाएगा।
इन समस्याओं को दूर करेगा नया पुल
अभी तक दीघा और सोनपुर एक रेल सह रोड पुल से जुड़ते हैं। इस मार्ग से केवल हल्के वाहन ही जा सकते हैं। इससे माल और वस्तुओं को लाने और ले जाने में खासी दिक्कत होती है। नया पुल इस समस्या को दूर करेगा और क्षेत्र की आर्थिक संभावनाओं को नई राह देगा।
यह पुल बुद्ध सर्किट का हिस्सा होगा और वैशाली और केसरिया में स्थित बुद्ध स्तूप तक सीधी पहुंच उपलब्ध कराएगा। इसके निर्माण में 5-डी बिल्डिंग इन्फॉर्मेशन मॉडलिंग, ब्रिज हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम और मंथली ड्रोन मैपिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
नए पुल से मिलेंगे ये पांच बड़े फायदे
कनेक्टिविटी होगी बेहतर
रोजगार के मौके बनेंगे
इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट
आर्थिक-सामाजिक विकास
कारोबारियों को होगी आसानी
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