वैशाली (बिहार) :- भारतीय समाज सुधारक और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, दिल्ली AIIMS में ली अंतिम सांस।

15 Aug, 2023 06:11 PM | Saroj Kumar 1196

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है. नई दिल्ली स्थित एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय महावीर एन्क्लेव, दिल्ली में झंडोत्तोलन के तुरंत बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया था. बता दें कि वे दो दिनों पहले ही पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने भी पहुंचे थे.


बिंदेश्वर पाठक का जन्म 2 अप्रैल 1943 को बिहार के वैशाली जिले के एक गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था. बिंदेश्वर पाठक के ने एक इंटरव्यू में बताया था कि तब उनके घर में रहने के लिए 9 कमरे थे, लेकिन शौचालय नहीं था. उन्होंने ऐसे समय को देखा जब सुबह सवेरे सूर्योदय से पहले ही महिलाएं शौच के लिए घर से बाहर जाया करते थीं.
श्री पाठक ने बताया कि बाहर शौच करने से महिलाओं में कई तरह की समस्याएं भी होती थीं, वह बीमार भी पड़ती थीं. दिन में भी किसी को बाहर खुले में शौच के लिए बैठना पड़ता था. इन्हीं घटनाओं ने बिंदेश्वर पाठक को स्वच्छता के क्षेत्र में कुछ नया और अलग करने की प्रेरणा दी. इसके बाद बिंदेश्वर पाठक ने 1970 में ही सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी.



दिवंगत बिंदेश्वर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी. बिंदेश्वर पाठक की पहचान बड़े भारतीय समाज सुधारकों में से एक है. उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की, जो मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है.


उन्होंने सुलभ शौचालयों को किण्वन संयंत्रों से जोड़कर बायोगैस निर्माण का अभिनव उपयोग किया, जिसे उन्होंने तीन दशक पहले डिजाइन किया था. अब दुनिया भर के विकासशील देशों में स्वच्छता के लिए एक पर्याय बन रहे हैं. उनके अग्रणी काम, विशेष रूप से स्वच्छता और स्वच्छता के क्षेत्र में, उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं.
उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा देश-दुनिया के विभिन्न अलग-अलग पुरस्कारों से भी वह सम्मानित हो चुके हैं. 

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