संवाद सूत्र, रामगढ़: मुंगेर के रामगढ़ में सहारा बैंक की शाखा में राशि जमा करने वाले लोग पैसा नहीं मिलने से परेशान हो गए हैं। अब तो इस शाखा में ताला लटका है। एक दो महीने से नहीं बल्कि डेढ़ साल से यह बैंक बंद है।
बाजार के दक्षिण बिहार बैंक के सामने स्थित सहारा बैंक उपभोक्ताओं के जख्म पर मरहम लगाने की बजाय जख्म दे रहा है। सुरक्षित भविष्य की चाह में लोगों ने इस बैंक में अपनी जिंदगी भर की कमाई जमा कर दी, लेकिन आज जरूरत के वक्त वही पैसा उनको नहीं मिल पा रहा है। बैंक के एजेंट भी अब ढूंढे नहीं मिलते। इस शाखा में फिक्स डिपाजिट करने वाले लोगों का पैसा निकासी की तिथि पूरा हुए दो साल बीत गए, लेकिन उनका भी भुगतान नहीं हो पा रहा है।
सहारा बैंक के इन उपभोक्ताओं की कोई सुनने वाला नहीं। इस बैंक के मैनेजर से लेकर कैशियर तक कार्यरत लोगों में से कोई नजर नहीं आता। इतना ही नहीं, जिनके मकान में यह बैंक की शाखा है, उनको भी एक वर्ष का किराया नहीं मिला है। ऐसी हालत में बैंक के उपभोक्ताओं को उनकी जमा राशि का ब्याज मिलने की बात तो दूर उनका जमा पैसा मिल जाए तो बड़ी बात।
सहारा बैंक के कर्मियों के अनुसार, केवल रामगढ़ की शाखा पर 50 करोड़ बकाया है। इसमें करीब पांच हजार से अधिक एजेंट बताए जाते हैं। जो एजेंट के माध्यम से पैसा जमा किए हैं, सभी का टर्म कंडीशन पूरा हो गया है। बावजूद वे कई माह से बैंक का चक्कर काट-काटकर निराश होकर घर लौट रहे हैं।
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उपभोक्ता जमुरना के मदन खरवार, ओड़ियाडिह के रामप्यारे राम, पनसेरवां के हरिद्वार राम, रामगढ़ के बिट्टू तिवारी आदि ने बताया कि बैंक के लोग एक वर्ष पहले कागजात भी जमा करा लिए, लेकिन पैसा नहीं मिल सका। अब कहते हैं कि सहारा इंडिया का पैसा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश हुआ है। लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता है। लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि सहारा इंडिया में जमा राशि का भुगतान कराएं।