मोतिहारी (पूर्वी चंपारण), जागरण संवाददाता। पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से मरने का सिलसिला दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। शुक्रवार को चार लोगों की मौत के अगले दिन और 16 लोगों की मौत हो गई। इसी के साथ मरने वालों की संख्या 20 हो गई है। प्रशासन ने 14 लोगों के जहरीली शराब से मौत की पुष्टि की है।
गंभीर रूप से बीमार 26 लोगों का इलाज चल रहा है। कई अन्य भी बीमार हैं, जिनका चोरी-छिपे इलाज चल रहा है। मृतक और बीमार लोगों में अधिकांश तुरकौलिया, पहाड़पुर, सुगौली व हरसिद्धि थाना क्षेत्र के हैं। जहरीली शराब मामले में संबंधित इलाके के तीन चौकीदारों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बताया गया कि लोगों ने कच्ची शराब पी थी, जो जहरीली हो गई।
पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि मामले में प्रथम दृष्टया सूचना नहीं देने के मामले में तीन चौकीदारों को दोषी पाया गया है। तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है। स्पष्टीकरण के बाद सभी के खिलाफ आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। मामले में संबंधित थाने की पुलिस की भूमिका के सवाल पर एसपी ने साफ किया कि मामले की जांच चल रही है। दोषी पाए जानेवाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोटवा से कच्ची स्पिरिट निकली थी। उसका बंटवारा जयसिंहपुर में किया गया था। बता दें कि तुरकौलिया थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में लोगों की मौत के बाद स्वजन व गांव के लोगों ने गांव के ही रामेश्वर राम उर्फ जटा राम पर आरोप लगाया कि उसी ने शराब बनाई और बेची। हालांकि, उसकी भी मौत हो चुकी है। ऐसे में पुलिस या फिर उत्पाद विभाग की टीम के लिए यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि आखिर शराब जटा ने बनाई कैसे और इसके लिए उसे स्पिरिट किसने दी।
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बीस लोगों की मौत के बाद पुलिस शनिवार को हरकत में आई और पूरे जिले में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू हो गई। पुलिस व मद्य निषेध विभाग की संयुक्त टीम ने गुप्त सूचना पर कोटवा में भी छापेमारी की। इस दौरान वहां से स्पिरिट के खेप के निकलने की सूचना प्राप्त हुई। हालांकि, कोटवा से न तो स्पिरिट मिली, न कोई गिरफ्तारी हुआ। इस बीच सूचना मिली की कोटवा से खेप निकली चुकी है। पुलिस खेप के पीछे दौड़ी और जयसिंहपुर में स्पिरिट जब्त की। यहां से तीन लोग हिरासत में लिए गए हैं। पूछताछ चल रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार का किंगपिन पकड़ा जाएगा।
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वहीं, शनिवार को जहरीली शराब से बीमार लोगों को लेकर उनके परिजन दिन भर सदर अस्पताल में आते रहे।कच्ची शराब पीने से बीमार मरीजों को सिर में तेज दर्द और आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत रही। चिकित्सक भी सभी मरीजों का इलाज मुस्तैदी से करते रहे। इसी बीच चार ऐसे भी मरीज थे, जो भर्ती होने के बाद कतिपय कारणों से सदर अस्पताल के इनडोर से गायब हो गए।
गायब होने वाले मरीजों में लक्ष्मीपुर तुरकौलिया का अनिल पासवान, सेमरा बेलवतिया का राजेश कुमार व प्रमोद पासवान, नवल यादव मथुरापुर तुरकौलिया का नाम शामिल है। इनडोर में भर्ती उक्त सभी मरीजों की काफी खोजबीन की गई, लेकिन उनकी कोई खबर नहीं मिल सकी। सिविल सर्जन डा अंजनी कुमार ने बताया कि ऐसे मरीज जो भर्ती होने के बाद गायब हो जाते हैं उनको लामा श्रेणी में सूचीबद्ध कर दिया जाता है।