संवाद सहयोगी, मधुबन (पूर्वी चंपारण): प्रखंड की 13 पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना का पैसा लेकर भी मकान नहीं बनाने वाले 85 परिवारों को चिन्हित कर प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी आवास योजना में गड़बड़ियों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। नतीजतन गांवों में काफी संख्या में लोग कच्चे या झोपड़ीनुमा घरों में रहने को मजबूर हैं। जिन लोगों को योजना का लाभ मिल गया है, उनमें से दर्जनों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली किस्त का पैसा ले लिया, लेकिन मकान निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है।
इस विषय को गंभीरता से लेते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी रजनीश कुमार के निर्देश पर आवास सहायक व पर्यवेक्षकों के द्वारा घर नहीं बनाने वाले लोगों को सफेद तथा लाल नोटिस दिया गया है। इसके बावजूद ऐसे लोग अपनी हठधर्मिता पर डटे हुए हैं। ऐसे स्थिति में अब नीलाम पत्र दाखिल किया गया है। आगे सर्टिफिकेट केस दर्ज कर राशि वसूल की जाएगी।
सरकार से पैसे लेने के बावजूद मकान न बनाने के लिए जिम्मेदार माना गया है, वो सभी वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2021-22 के लाभान्वित हैं। आंकड़ों के मुताबिक, प्रखंड की रूपणी पंचायत के 13, दुलमा के पांच, कोइलहरा के चार, कृष्णानगर के नौ, बाजितपुर के 21, सवंगिया के नौ, कौड़िया के आठ, मधुबन उतरी के दो व नौरंगिया माधोपुर में एक लाभुक राशि लेकर घर नहीं बनाने वाले के रूप में चिह्नित हैं।
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बता दें कि गरीबी रेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले परिवारों के लोगों को छत देने के लिए चयनित लाभुक के बैंक खाते में एक लाख 20 हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। बाद में मनरेगा योजना से मजदूरी के लिए 20 हजार पांच सौ रुपये दिए जाते हैं।
आवास सहायक व पर्यवेक्षकों के द्वारा घर नहीं बनाने वाले लोगों को सफेद व लाल नोटिस दिए जा चुके हैं। इसके बावजूद वे लोग अपनी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं। अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।
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-रजनीश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, मधुबन (पूर्वी चंपारण)