जागरण संवाददाता, सुपौल: शराबबंदी कानून में किए गए संशोधन का लाभ तीन हजार 316 लोगों को जेल नहीं जाकर जरूर मिला है, लेकिन इन लोगों से अदालत ने 74 लाख 71 हजार 597 रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले हैं। कोर्ट ने नशे में धुत लोगों पर तीन हजार से लेकर साढ़े तीन हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया।
दरअसल, शराबबंदी कानून में संशोधन के बाद शराब पीकर पहली पकड़े जाने पर जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया जाता है। हालांकि, शराब पीकर पकड़े जाने पर उन्हें न्यायालय में न्यायाधीश के समक्ष पहले की तरह की पेश होना पड़ता है, जहां जुर्माना की राशि तयकर उन्हें छोड़ दिया जाता है।
फिर ऐसे लोगों की सूची सॉफ्टवेयर में तैयार की जाती है। यदि एक बार जुर्माना देकर छूट
चुके शराबी दोबारा इसी जुर्म में पकड़े जाते हैं तो उन्हें इस सॉफ्टवेयर से चिन्हित किया जाता है। दूसरी बार शराब पीते पकड़े जाने पर जेल जाने का नियम है। शराबबंदी कानून में यह संशोधन 2022 में किया गया था और संशोधित इस नियम को 1 अप्रैल 2022 से लागू कर दिया गया था। तब से अब तक कुल 2055 मामले में 3316 व्यक्ति पहली बार शराब पीते पकड़ाए थे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विशेष लोक अभियोजक रूद्र प्रताप लाल ने बताया कि साल 2022 में बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम लागू हुआ था। इसके अंतर्गत बिहार में पूर्ण शराबबंदी की गई। 1 अप्रैल 2022 से पूर्व शराब पीने पर जेल की सजा का प्रावधान था। अप्रैल, 2022 से शराब पीने के मामले में पहली बार पकड़े जाने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया, जो व्यक्ति पहली बार शराब का सेवन करते पकड़ा जाता है उसे जुर्माना देना पड़ता है। दूसरी बार शराब सेवन करते हुए पकड़े जाने पर 1 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
मद्य निषेध कानून के तहत अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक जिले में उत्पाद विभाग की ओर से 921 और पुलिस की ओर से 697 समेत कुल 1618 मामले दर्ज किए गए। इसमें 1591 मामले का निष्पादन किया गया। इस क्रम में कुल 74 लाख 26 हजार 600 रुपये बतौर जुर्माना वसूला गया। यह राशि 2820 व्यक्तियों से वसूली की गई। तीन व्यक्तियों की ओर से जुर्माना राशि नहीं दी गई, इस कारण उन्हें एक महीने की साधारण कारावास की सजा दी गई।
जनवरी 2023 से मार्च 2023 तक उत्पाद विभाग द्वारा 695 एवं पुलिस द्वारा 402 मामले समेत कुल 1097 मामले दर्ज हुए। इसमें 1097 व्यक्तियों से 31 लाख 2 हजार 900 रुपये बतौर जुर्माना वसूला गया। इस तरह अप्रैल 2022 से लेकर मार्च 2023 तक में 3316 व्यक्तियों से 74 लाख 71 हजार 597 रुपये की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली गई। बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत अभियुक्तों को त्वरित सजा दिलाने के कारण विशेष लोक अभियोजक रूद्र प्रताप लाल को डेलीहंट व द ट्रिब्यून द्वारा 100 प्रभावशाली व्यक्तित्व पुरस्कार से सम्मानित किया गया।