जासं, जहानाबाद। बिहार के जहानाबाद के सदर अस्पताल में शुक्रवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब प्रसव वार्ड में भर्ती महिलाओं की हालत एक-एक कर अचानक बिगड़ने लगी।
अपने-अपने मरीज की हालत खराब होते देख स्वजन ने हंगामा शुरू कर दिया। यह देख वहां तैनात नर्स खिड़की के रास्ते भाग निकलीं।
सूचना पर आनन-फानन चिकित्सक पहुंचे और महिलाओं का इलाज शुरू कर स्थिति को संभाला। दरअसल, अस्पताल में इस समय 22 प्रसूताएं भर्ती हैं।
नवजात को जन्म देने के बाद सभी महिलाएं चिकित्सक की निगरानी में हैं। शुक्रवार को इन महिलाओं को सेफ्त्रियाक्सोन इंजेक्शन लगाया गया था, यह एंटीबायोटिक दवा है, जो जीवाणुओं की कोशिका भित्तिओं पर हमले कर उन्हें नष्ट करता है।
इंजेक्शन लगने के कुछ समय बाद ही महिलाओं की हालत बिगड़ने लगी। दवा के रिएक्शन करने की वजह से बेचैनी व पूरे शरीर में खुजली शुरू हो गई।
इस पर वहां हंगामा खड़ा हो गया। एक साथ इतनी सारी महिलाओं की हालत बिगड़ती देख नर्स घबरा गईं। नर्स ने वहां से खिसकना लेना ही मुनासिब समझा।
सूचना पर चिकित्सक आए, जिसके बाद दूसरा इंजेक्शन सभी महिलाओं को दिया गया, जिसके बाद महिलाओं की हालत में सुधार हुआ।
एक दिन पहले भी बिगड़ी थी महिलाओं की हालत
अस्पताल उपाधीक्षक डीडी चौधरी ने बताया कि सरकारी दवा की जो नई आपूर्ति आई है, उसमें कुछ दिक्कत हो सकती है। उसकी जांच कराई जा रही है। पटना पत्राचार किया जाएगा।
दवा को तत्काल सील करते हुए उसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। नौ-दस महिलाओं में दवा रिएक्शन करने की बात सामने आई थी। अब सभी स्वस्थ हैं।
मरीजों के स्वजन ने बताया कि गुरुवार की रात भी कुछ महिलाओं की हालत इंजेक्शन देने के बाद बिगड़ी थी, इलाज के उपरांत हालत में सुधार हुआ था।
इसके बावजूद शुक्रवार को भी बिना जांच किए ही वही दवा प्रसव वार्ड में भर्ती अन्य महिलाओं को दे दी गई, जिससे एक साथ कई महिलाओं की हालत खराब हो गई।
नर्सों की लापरवाही से महिलाओं की जान पर बन आई थी। लोगों ने आरोप लगाया कि फोन करने के काफी समय बाद चिकित्सक इलाज के लिए पहुंचे।