जागरण संवाददाता, खगड़िया: जिले के मोरकाही थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय नवटोलिया-रसौंक में गुरुवार की दोपहर मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) खाने से करीब डेढ़ दर्जन बच्चे बीमार पड़ गए। बच्चों को आनन-फानन अस्पताल में भर्ती कराया गया। बता दें कि मिड डे मील एक एनजीओ की ओर से प्रदान किया गया था। बच्चों के बीमार होने से गुस्साए अभिभावकों ने विद्यालय में जमकर हंगामा काटा और तोड़फोड़ की। मोरकाही पुलिस के पहुंचने पर मामले को शांत किया गया।
मिड डे मील कर खाकर बीमार होने वाले बच्चों का इलाज कर रहे सदर अस्पताल के डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी बीमार बच्चों में लक्षण एक जैसे ही है। बच्चों ने पेट में दर्द, उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की है। उनका उपचार किया जा रहा है। धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार हो रहा है, लेकिन 24 घंटे बच्चों को विशेषज्ञों की देखरेख में रखने की आवश्यकता है। आरंभिक तौर पर मामला फूड प्वाइजनिंग का प्रतीत हो रहा है।
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इधर, डीएम आलोक रंजन घोष और सिविल सर्जन डॉ. अमिताभ सिन्हा ने बीमार बच्चों का हालचाल लिया। साथ ही बेहतर उपचार को लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं। डीईओ कृष्ण मोहन ठाकुर, एमडीएम डीपीओ कुमार अनुभव ने विद्यालय जाकर मामले की आरंभिक जांच की। बच्चों के अभिभावकों से भी जानकारी ली।
डीईओ ने कहा कि विद्यालय में भोजन एनजीओ की ओर से उपलब्ध कराया गया था। बच्चों को भोजन परोसने से पहले रसोइया, शिक्षक और बीईओ ने भोजन खाकर जांच की थी। डॉक्टर की रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इधर, विद्यालय के प्रधान गणेश मंडल ने बताया कि एनजीओ की ओर से परोसे गए भोजन की पहले जांच की गई। एक घंटे के बाद 120 बच्चों को भोजन परोसा गया। घर जाने के बाद बच्चे चक्कर आने, पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत करने आए तो सभी को अस्पताल भेजा गया। वरीय अधिकारियों को जानकारी दी गई।
अभी बीमार बच्चों का सदर अस्पताल में उपचार कराया जा रहा है। डॉक्टर की रिपोर्ट आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
-कृष्णमोहन ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, खगड़िया।
आयुष कुमार, आसमिन, अमन कुमार, अभिषेक कुमार, हंस कुमार, शिवानी कुमारी, अमृता कुमारी, हैप्पी कुमार, अभय कुमार, खुशी कुमारी, लक्ष्मी कुमारी आदि। विद्यालय प्रधान ने बताया कि आज गुरुवार को 194 बच्चे उपस्थित हुए। जिसमें कुछ रोजा में थे। उपस्थित बच्चों में 120 बच्चों को भोजन कराया गया था। बीमार बच्चों के अलावा भोजन ग्रहण करने वाले शेष बच्चों पर निगरानी को लेकर अभिभावकों को सतर्क किया गया है। इसमें किस स्तर पर गलती है, यह जांच में स्पष्ट हो सकेगा।