सत्यम कुमार सिंह, झाझा (जमुई): मधुपुर-आनंदबिहार हमसफर एक्सप्रेस में हरियाणा के व्यवसायी हरदीप दयाल से एक करोड़ लूटकांड में रेल पुलिस का शिकंजा गिरोह के सरगना लखीसराय के सुकुल साव पर कसता जा रहा है। सुकुल के करीबी तनिक वर्मा ने पूछताछ में रेल पुलिस को कई अहम सुराग दिए हैं। रेल पुलिस ने तनिक वर्मा को तीन दिन की रिमांड पर लिया था। बुधवार को रेल पुलिस ने रिमांड पूरा होने पर तनिक वर्मा को मेडिकल जांच के बाद जेल भेज दिया।
तनिक वर्मा ने इस गिरोह के सरगना सुकुल साव की पूरी कुंडली की जानकारी पुलिस को दी है। जिसके आधार पर पुलिस झारखंड एवं बिहार में सुकुल साव के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। हालांकि, छापेमारी में सुकुल पुलिस के हाथ नहीं लगा है। अनुसंधानकर्ता सह रेल इंस्पेक्टर नसीम अहमद को सुकुल साव के इतिहास की जानकारी मिली है, जिस पर पुलिस कार्य कर रही है।
बताया जाता है कि सुकुल साव के रांची में मैरिज हॉल सहित दो आलीशान मकान हैं। रेल पुलिस उसके इन ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। सुकुल और अन्य आरोपित फरार चल रहे हैं। तनिक ने पुलिस को बताया कि करोड़ों रूपये से भरा बैग लखीसराय के लालपहाड़ी निवासी मुकेश ठाकुर के पास है। जिसकी खोज पुलिस कर रही है। पुलिस को मुकेश के ठिकाने का भी सुराग हाथ लगा है।
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रांची स्थित सुकुल साव का आलीशान घर।
तनिक वर्मा ने पुलिस को बताया कि सुकुल साव के कहने पर बैग उतारा गया था। इसके पहले भी कई बार ऐसे ही बैग उतार कर लूट की घटनाएं अंजाम दी गई हैं। इस गिरोह में रेल पुलिस के जवानों के अलावा आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल है। सुकुल साव ने कई व्यापारियों से कोयले की खदान दिलाने के नाम पर करोड़ों रूपये लूटे हैं। ट्रेन से अटैची उतारने की जिम्मेदारी तनिक वर्मा, मुकेश ठाकुर एवं रेल पुलिस के जवानों की होती थी।
रेल पुलिस इंस्पेक्टर नसीम अहमद ने बताया कि तनिक को तीन दिन के लिए रिमांड पर लिया गया था। जिससे पुलिस ने सुकुल साव से लेकर मुकेश ठाकुर, सारा मैडम के संदर्भ में पूछताछ की है। तनिक वर्मा ने ही रेल पुलिस को पैसे का प्रलोभन देकर घटना में शामिल किया था।
इस लूटकांड ने रेल पुलिस को उलझन में डाल दिया है। रेल पुलिस के चार जवानों की गिरफ्तारी ने पुलिस की नींद उड़ा रखी है। आरोपित तनिक वर्मा ने पुलिस को बताया कि सिपाहियों को पैसे की जानकारी नहीं दी जाती थी। उनकी भूमिका सिर्फ यात्रियों में भय पैदा करना एवं इस दौरान पकड़े जाने पर उस स्थिति में बचाने की रहती थी। सुकुल साव की योजना के तहत जसीडीह-किउल रेलखंड पर लूट का यह धंधा चल रहा था।
इस कांड में शामिल रहे आरोपित पहले भी कई बार बैग उतारने का काम कर चुके हैं। सुकुल साव ने सूचना दी थी कि मधुपुर-आनंदविहार एक्सप्रेस से एक अटैची उतारनी है। उसने देवघर में हरियाणा के माइनिंग ठेकेदार हरदीप दयाल और उनके चाचा से मुलाकात कराई और उसे उन लोगों के साथ लगा दिया। इसके पहले तनिक ने रेल पुलिस जवानों को ठेकेदार के बारे में पूरी जानकारी दे रखी थी। उन लोगों ने जसीडीह स्टेशन पर अन्य साथियों को तैनात कर रखा था। जैसे ही जसीडीह स्टेशन से गाड़ी खुली घटना को अंजाम देने में रेल पुलिस के जवान सहित अन्य आरोपित लग गए। ठेकेदार को धमकी देकर झाझा स्टेशन पर पैसों से भरा ट्रॉली बैग उतार लिया गया।
रेफरल अस्पताल मेडिकल जांच कराने पहुंचे आरोपित तनिक वर्मा ने पुलिस जांच में खुद को यात्री बताया। उसने लूट में शामिल रेल पुलिस के जवानों से लेकर सरगना सुकुल साव और मुकेश ठाकुर को पहचानने से इनकार कर दिया। पैसों से भरा ट्रॉली बैग उठाकर मुकेश ठाकुर को देने के सवाल पर उसने कहा कि हम यात्री थे। उन्होंने बैग उठाने को कहा तो हमने उठाकर उनको दे दिया।
"आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द कुर्की जब्ती के लिए न्यायालय को लिखा जाएगा। इस कांड का मुख्य सरगना सुकुल साव है। जिसकी गिरफ्तारी जल्द होगी।"
-नसीम अहमद, पुलिस निरीक्षक, रेल पुलिस।