दरभंगा, मुकेश कुमार श्रीवास्तव: बचपन में 'सबसे प्यारी, सबसे दुलारी। एक बस जग में मां है मेरी...।' इस कविता को हर बच्चा पढ़ते-गाते आया है। मां भी यह कविता सुनकर बहुत खुश हो जाया करती और खुशी से अपनी औलाद को गले से लगा लेती।
ऐसी मीठी यादें आज भी हमें हमारे बचपन और मां के दुलार की याद दिलाती है, लेकिन इस सब के बावजूद भी कई औलादें बड़े होने के साथ अपनी मां के प्यार-दुलार को भुलाकर उनकी जान की दुश्मन बन गईं।
ऐसा ही मामला मंगलवार को सिंहवाड़ा थानाक्षेत्र में सामने आया। यहां कटका निवासी माे. निजामुद्दीन ने चार अप्रैल 2023 को अपनी मां महमुदा खातून उर्फ मुन्नी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी।
नगर, कमतौल और भालपट्टी इलाके के बाद सिंहवाड़ा थानाक्षेत्र में हुई घटना से समाज सकते में है। इसका जवाब सभी ढूंढ रहे हैं, लेकिन उत्तर नहीं मिल रहा है।
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लोग इसके लिए भौतिकवादी व्यवस्था को दोषी मान रहे हैं। कोई संपत्ति तो कोई ऐशो आराम की भूख में अपनी मां की जान लेने के लिए आमदा है।
जिस मां ने नौ माह तक अपने संतान को गर्भ में रखा, काफी तकलीफ उठाकर पालन किया, वही दुश्मन बन जाएगी, यह अंदेशा महमूदा को तनिक भी नहीं था। अब तक आधा दर्जन केस सामने आए हैं, जिसमें कोई ममता ऐसी नहीं बची, जिसका कत्ल न हुआ हो।
केस नंबर एक:
नगर थाना क्षेत्र के शुभंकरपुर मोहल्ला में 9 जुलाई 2009 को मधु और माला उर्फ प्रियंका अपने प्रेमी शंभु पासवान के साथ मिलकर मां सुमित्रा देवी और इंजीनियर भाई मुकेश कुमार महतो को घर में बंद कर जिंदा जला दिया। घटना के पीछे प्रेम प्रसंग का विरोध बताया गया।
सुमित्रा के भाई रविंद्र महतो ने अपने दोनों भांजी मधु और माला सहित उसके प्रेमी शंभु पासवान, रोसड़ा निवासी चेतन शर्मा और प्रमोद के खिलाफ नगर थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें दोनों आरोपित बहनों को अदालत से सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
केस नंबर दो:
भालपट्टी ओपी क्षेत्र के ठकरूनिया गांव में मो. एहसान ने रुपये के लिए वर्ष 2014 में अपनी मां को चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। हालांकि, आरोपित एहसान चार वर्ष के बाद ही जेल से बाहर आ गया।
इस बीच एहसान ने अपने छोटे भाई लड्डन से झगड़ा कर लिया। यह देख लड्डन ने 30 मार्च 2018 को अपनी मां के हत्यारे व बड़े भाई एहसान की तलवार से गर्दन काटकर हत्या कर दी। अब आरोपित भाई जेल में बंद है।
केस नंबर तीन:
कमतौल थाना क्षेत्र के माधोपट्टी गांव में 24 अगस्त 2016 को अरुण सदा ने अपनी वृद्ध मां सावरिया देवी को फसल झाड़ने वाले मुगदल से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
आरोपित पुत्र के खिलाफ पिता जियालाल सदा ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में दरभंगा कोर्ट ने 29 फरवरी 2020 को आरोपित पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, वह जेल में है।
केस नंबर चार:
नगर थानाक्षेत्र के हजारीनाथ मंदिर मोहल्ला के राजकुमार भरतिया ने 11 सितंबर 2018 को अपनी मां कलावती देवी को कमरे में बंद कर हथौड़े से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। नशा करने के लिए रुपये नहीं देने के कारण राजकुमार इस घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद लोगों ने आरोपित पुत्र को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
केस नंबर पांच :
नगर थानाक्षेत्र के रतनोपट्टी मोहल्ला में 30 मार्च 2018 को जो घटना घटी वह सभी को हिला कर रख दिया था। सूर्यनारायण साह उर्फ छोटन ने अपनी वृद्ध मां मालती देवी को चाकू से गोदकर हत्या कर दी। शव को घर के अंदर शौचालय के टैंक में बंदकर अपनी पत्नी और बच्चों के साथ फरार हो गया।
घटना से पूर्व आरोपित इकलौते पुत्र ने अपनी मां से जबरन जमीन बिक्री करवा कर दस लाख रुपये ले लिए थे। शेष दो लाख रुपये जब मां ने नहीं दिए तो उसकी निर्मम हत्या कर दी। पुलिस को आज भी इस मामले में कोई सफलता नहीं मिली है।