औरंगाबाद, जागरण संवाददाता: झारखंड के चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड क्षेत्र के जंगल में सोमवार को कोबरा के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों का नक्सल घटनाओं में संलिप्तता का रिकॉर्ड पुलिस खंगाल रही है।
मुठभेड़ में मारे गये नक्सली गौतम पासवान, अजीत उरांव उर्फ चार्ली, अमर गंजू और संजीत भुइयां उर्फ सागर औरंगाबाद और गया जिले के सीमा पर स्थित छकरबंदा जंगल में पूर्व की नक्सली घटनाओं में शामिल थे।
मारे गए इन नक्सलियों पर पूर्व में मदनपुर थाना में प्राथमिकी हुई है। वर्ष 2022 के सितंबर माह में छकरबंदा जंगल के लडुइया पहाड़ से नक्सलियों के ठिकाने से बरामद हथियार, कारतूस, आइईडी समेत अन्य सामानों की बरामदगी मामले की हुई प्राथमिकी में अभियुक्त हैं।
इसके अलावा छकरबंदा जंगल में पूर्व में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ और हथियार, कारतूस समेत अन्य विस्फोटक सामान की बरामदगी की घटनाओं में भी मारे गए नक्सली शामिल थे।
1. गौतम पासवान उर्फ सुरेश उर्फ राम प्रवेश उर्फ अरुण : यह माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य था। इसपर राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसके विरुद्ध झारखंड-बिहार में कुल 100 कांड दर्ज हैं।
ये कांड चतरा के प्रतापपुर, राजपुर, कुंदा, हंटरगंज, वशिष्टनगर, सिमरिया, ईटखोरी, चतरा सदर, गया के गुरुआ, इमामगंज, आमस, बांकेबाजार, बाराचट्टी, लुटुआ, कोठी, रौशनगंज, छकरबंधा, धनगाई, डुमरिया, डोभी, मोहनपुर, पलामू के मनिका, औरंगाबाद के मदनपुर व देव थाने में दर्ज हैं। सभी कांड नक्सल, हत्या का प्रयास, हत्या, आगजनी व लूट से संबंधित धाराओं में दर्ज हैं।
2. अजीत उरांव उर्फ चार्लिस उरांव उर्फ चालिस उर्फ तूफान: यह माओवादियों का स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य था। इसपर भी राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। इसके विरुद्ध बिहार-झारखंड के थानों में कुल 50 कांड दर्ज हैं।
ये कांड चतरा के कुंदा, सदर, टंडवा, लावालौंग, प्रतापपुर, लातेहार के बरवाडीह, नेतरहाट, पलामू के सदर, गया के आमस, डुमरिया, बांकेबाजार गया के रौशनगंज, लुटुवा, औरंगाबाद के देव, मदनपुर, लातेहार के बालूमाथ व बरवाडीह थाने में दर्ज हैं। सभी कांड नक्सल, हत्या का प्रयास, हत्या, आगजनी व लूट से संबंधित धाराओं में दर्ज हैं।
3. अमर गंझू उर्फ अमर भोक्ता उर्फ धीरू गंझू: यह माओवादियों का सब जोनल कमांडर था। इसपर राज्य सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
इसके विरुद्ध बिहार-झारखंड में कुल 18 कांड दर्ज हैं। ये कांड चतरा के सिमरिया व कुंदा के अलावा गया के आमस, डुमरिया, बांकेबाजार के रौशनगंज, लुटुवा, औरंगाबाद के मदनपुर व देव थाने में दर्ज हैं।
4. अजय यादव उर्फ नंदु : यह माओवादियों का सब जोनल कमांडर था। इसपर भी राज्य सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा था। इसके विरुद्ध कुल 12 कांड दर्ज हैं।
ये कांड चतरा के कुंदा, प्रतापपुर, पलामू के पांकी, लातेहार के हेरहंज, बालूमाथ, बारेसाढ़, गारू व महुआटांड़ थाने में दर्ज हैं।
5. संजीत भुईया उर्फ सागर उर्फ उदय : यह माओवादियों का सब जोनल कमांडर था। इसपर भी राज्य सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम रखा था। इसके विरुद्ध बिहार-झारखंड में कुल 67 कांड दर्ज हैं।
ये कांड चतरा के सदर, हंटरगंज, कुंदा, गया के डुमरिया, मैगरा, इमामगंज, रौशनगंज, डुमरिया भदवर, बांकेबाजार, लुटुवा, आमस, छकरबंधा, औरंगाबाद के मदनपुर, देव, डिबरा व अंबा थाने में दर्ज हैं।
एसपी स्वप्तना गौतम मेश्राम ने बताया कि मारे गए नक्सलियों का नक्सल रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। मारे गए नक्सलियों का इस जिले के नक्सली घटनाओं में संलिप्तता पाई गई है।
बताया जा रहा है कि मारे गए सभी पांच नक्सलियों की टीम छकरबंदा जंगल से लेकर झारखंड के चतरा और पलामू जिले के जंगलों में सक्रिय थी।
नक्सलियों की टीम को मारने के लिए दोनों राज्यों की पुलिस के साथ सीआरपीएफ और कोबरा लगी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय नक्सल को खत्म करने के प्रति गंभीर है।
सभी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद औरंगाबाद, गया पुलिस के अलावा चतरा और पलामू पुलिस ने भी राहत की सांस ली है।
सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि अब नक्सल खात्मा की ओर है। छकरबंदा जंगल नक्सलमुक्त हो चुका है।
इस जंगल में जहां नक्सलियों का बंकर हुआ करता था, जहां नक्सली रहते थे आज वहां कोबरा और सीआरपीएफ सर्च ऑपरेशन चला रही है। जंगल में ही कैंप स्थापित किया गया है। घटना के बाद पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी किया है।