औरंगाबाद: दाउदनगर में वाहन से कुचलकर महिला मजदूर की मौत, लोगों ने सड़क पर चार घंटे लगाया जाम; आगजनी



संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद)। दाउदनगर-बारुण रोड में थाना से करीब दो किलोमीटर दूर शुक्रवार की सुबह तेज रफ्तार वाहन ने खेत में काम करने जा रही दो महिला मजदूरों को कुचल दिया।
एक कृषि मजदूर की मौत घटनास्थल पर हो गई, जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारी को बुलाने और महिला मजदूर के स्वजन को मुआवजा देने की मांग करते हुए सड़क जाम कर दी।
ग्रामीणों ने बताया कि दोनों महिला अपने घर से चौरम गांव के बधार में मसूर काटने जा रही थीं। जानकारी के अनुसार, पुराना शहर वार्ड संख्या पांच के माली टोला निवासी बिनेश्वर प्रजापति की 52 वर्षीय पत्नी रीता देवी की मौत घटनास्थल पर हो गई।

वार्ड संख्या पांच के जाट टोली निवासी दुखी यादव की 50 वर्षीय पत्नी धनरजिया देवी गंभीर रूप से घायल हो गई। उनका इलाज अनुमंडल अस्पताल में चल रहा है।
घटना की सूचना पर आसपास के ग्रामीण एकत्रित हो गए और मुआवजा देने की मांग करते हुए सड़क जाम कर दिया। दाउदनगर-बारुण रोड के साथ औरंगाबाद-पटना रोड एनएच-139 से नासरीगंज सोन पुल जाने वाली सड़क के चौराहा पर टायर जलाकर आगजनी की।
कई वाहनों को सड़क जाम करने के लिए इस्तेमाल किया गया। करीब चार घंटे तक सड़क जाम रही। मौके पर बताया गया कि दाउदनगर के बीडीओ और सीओ दोनों विधान परिषद के लिए हो रहे मतदान के ड्यूटी पर हैं।
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इस पर ग्रामीण घटनास्थल पर ही एसडीएम को बुलाने की मांग करने लगे। वह भी चुनावी कारणों से नहीं आ सकीं।
थानाध्यक्ष गुफरान अली पहुंचे और मुआवजा दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद जाम हटा। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और स्वजन को सौंप दिया।
मौके पर वार्ड पार्षद बसंत कुमार, राष्ट्रीय लोक जनता दल के नेता चंद्रभूषण कुशवाहा, नगर परिषद के पूर्व उप मुख्य पार्षद सिद्धि पांडे, पूर्व मुख्य पार्षद धर्मेंद्र कुमार, बिरजू चौधरी, चिंटू मिश्रा, कमाल खान, डा. जितेंद्र प्रजापति, विनोद प्रजापति, कृष्णा प्रजापति उपस्थित रहे।

बिनेश्वर प्रजापति की पत्नी रीता देवी किसी तरह कृषि मजदूरी कर अपने घर को चलाती थीं। पति चापाकल बनाते हैं। शारीरिक कारणों से बहुत काम नहीं कर पाते हैं।
घर की लगभग पूरी जिम्मेदारी रीता देवी के कंधे पर थी। पुत्र मुकेश कुमार गायक हैं। उनका परिवार गरीब है। मुकेश एक रिकार्डिंग स्टूडियो में अपने जैसे कलाकारों की मदद भी करते हैं।
घटना के बाद से स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार की महिलाओं को रोते देख दूसरी महिलाओं ने ढांढस बंधाया और चुप कराने का प्रयास किया।

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