मो. मोइन, चौसा (बक्सर): चौसा में निर्माणाधीन बक्सर ताप बिजली घर से ऊर्जा का उत्पादन मार्च 2024 तक शुरू हो जाएगा। बक्सर जिले की इस बिजली परियोजना से शुरुआती दौर में 660-660 मेगावाट की दो यूनिटों को एक साथ शुरू करने की तैयारी है। इससे कुल मिलाकर 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। आगे बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 2000 मेगावाट तक करने की तैयारी है।
बक्सर के इस प्लांट से निर्मित 85 फीसद बिजली राज्य सरकार को दी जानी है, बाकी 15 फीसद पर निर्माता कंपनी का हक होगा। इसे एसटीपीएल बाजार दर पर बेच सकेगा। यहां लगभग 14 करोड़ रुपये कीमत की बिजली का उत्पादन हर रोज किया जा सकेगा। इसे वर्ष 2021 में ही शुरू करना था, लेकिन कोरोना महामारी और भू-अर्जन की दिक्कतों से देरी होती गई। अब बिजली घर के मुख्य परिसर में काम सुचारु तरीके से चल रहा है।
साल 2012-13 में इस परियोजना की परिकल्पना की गई थी। बक्सर जिले के चौसा में लगभग 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से 1058 हेक्टेयर भूमि पर इसका निर्माण हो रहा है। वर्ष 2015 में इसके निर्माण की जिम्मेवारी भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार की संयुक्त स्वामित्व वाली मिनी रत्न कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) को दी गई। एसजेवीएन ने इस परियोजना के लिए 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली कंपनी एसजेवीएन थर्मल पावर लिमिटेड (एसटीपीएल) का गठन किया। बीच में यह परियोजना फंसती दिखी, लेकिन साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल मार्च तक इस प्लांट का उद्घाटन हो जाएगा।
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बिजली घर तक कोयला लाने के लिए रेलवे लाइन और गंगा से पानी लाने के लिए पाइपलाइन की जमीन पर काम करने से किसान रोक रहे हैं। इस समस्या के निदान के लिए कंपनी और स्थानीय प्रशासन की ओर से किसानों से बातचीत की जा रही है। इसके साथ ही कंपनी वैकल्पिक इंतजाम पर भी जुटी है। हालांकि, यह खर्चीला होगा और इससे सड़क और अन्य संसाधनों पर अनावश्यक दबाव पड़ेगा।
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चौसा में निर्माण होने वाले पावर प्लांट से बिहार को बिजली में आत्मनिर्भरता तो हासिल होगी ही साथ ही आसपास के इलाके की चौतरफा उन्नति होगी। केवल नौकरी ही नहीं, बल्कि रोजगार के ढेरों अवसर सामने आएंगे। हमारी कोशिश है कि प्लांट में बिजली उत्पादन जल्दी शुरू हो जाए।
- मनोज कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एसजेवीएन (बक्सर)