संसू, हुसैनगंज (सिवान)/पटना। शुक्रवार की शाम चंद्रमा और एक तारा (शुक्र ग्रह) इस तरह निकट आए कि नील गगन में नयनाभिराम दृश्य बन गया। अद्भुत..., अलौकिक..., अनिवर्चनीय...! ऊपर चांद का हार और उसके ठीक नीचे तारा।
मानो आकाश अपना चंद्रहार दिखा रहा हो। तारा शुरुआत में चंद्रमा से बिलकुल सटा दिखा, लेकिन ढलती शाम के साथ दूरी बढ़ती गई। इंटरनेट मीडिया पर इसका चित्र और संदेश तेजी से फैलने लगा। इसे धर्म से भी जोड़ा जाने लगा।
हिंदुओं ने कहा कि चैती नवरात्र की तीसरी तिथि है। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र दमक रहा है। सबका कल्याण होगा। मुस्लिम मतावलंबियों ने कहा कि आज जुमा है और पवित्र रमजान का पहला दिन।
चांद के साथ तारा का दिखना कुदरत की नेमत है। विद्वजन का कहना है कि यह खगोलीय घटना है। यह चंद्रमा और शुक्र की चाल है।
जानकारी के अनुसार, नवरात्रि और रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है। हिंदू समुदाय देवी के नौ रूपों की आराधना कर रहा तो वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग शुक्रवार की सुबह की सेहरी से पहला रोजा रखना शुरू कर चुके हैं।
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इसी बीच शुक्रवार की शाम इफ्तार के समय आसमान में अद्भुत नजारा देखने को मिला। धरती से देखने पर चांद के नीचे एक चमकता तारा देखा गया।
हालांकि, यह कोई तारा नहीं; बल्कि शुक्र ग्रह था। चंद्रमा और शुक्र एक खगोलीय घटना के तहत एक विशेष कोण पर आ गए थे, जिसकी वजह से इन्हें धरती से एक-दूसरे के पास देखा गया।
बहरहाल, ज्यों-ज्यों समय बिताता गया चांद से इस तारे यानि शुक्र ग्रह की दूरी बढ़ती गई। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए देर शाम तक लोग आसमान में टकटकी लगाए रहे। इसकी कई तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो गईं।
चंद्रमा और शुक्र के इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए लोग उत्सुक नजर आए। बिहार में भी लगभग हर छोटे-बड़े शहर और यहां तक कि गांव-कस्बों में भी इस नजारे को देखा गया। धीरे-धीरे चमकते शुक्र की चंद्रमा से दूरी भी बढ़ती जा रही थी।
बक्सर, मुजफ्फरपुर, शिवहर, औरंगाबाद, गोपालगंज, जमुई और बांका जैसे इलाकों से इस अद्भुत खगोलीय घटना की कई तस्वीरें सामने आई हैं।