भाेजपुर: शिक्षक और स्नातक चुनाव में ऑफरों की बहार, जाति से लेकर जमात तक को साधने का हो रहा प्रयास



जागरण संवाददाता, आरा। शिक्षक और स्नातक क्षेत्र विधान परिषद सदस्यों के चुनाव में प्रचार अभियान चरम पर है। आम चुनावों से अलग इसमें वोटर खास लोग हैं, इसलिए प्रचार का तरीका भी खास बना हुआ है।
जाति से लेकर जमात तक को साधने का प्रयास हो रहा है। धन की ताकत की भी इंट्री हो चुकी है और स्थानीय निकाय एमएलासी चुनाव के मॉडल पर वोटरों को साधने की रणनीति चरम सीमा पर है।
शिक्षक और स्नातक क्षेत्र विधान पार्षद चुनाव के लिए 31 मार्च को वोट डाले जाएंगे। भोजपुर जिला गया स्नातक एवं शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के अधीन है। जिले में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में कुल वोटर की संख्या 18 हजार 157 हैं।

वहीं, शिक्षक प्रतिनिधि चुनने के लिए जिले से 2913 शिक्षक वोटर हैं। स्नातक क्षेत्र से भाजपा समर्थित अवधेश नारायण सिंह तीन बार एमएलसी चुने जा चुके हैं और इस बार भी मैदान में हैं।
वे भोजपुर के ही हैं और पिछले चुनावों तक यहां के वोटों पर उनका दबदबा रहा है। वहीं, शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संजीव श्याम सिंह अभी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इस बार स्नातक क्षेत्र से भाजपा समर्थित उम्मीदवार जीवन कुमार तथा महागठबंधन की ओर से गया स्नातक से राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के पुत्र डा. पुनीत सिंह मैदान में हैं।
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शिक्षा के क्षेत्र में रसूखदार की पहचान रखने वाले कई अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं। अंतिम समय पर सभी प्रत्याशियों ने जनसंपर्क में पूरी ताकत झोंक दी है।
इसके साथ ही कुछ उम्मीदवारों के बगलबच्चों की ओर से ऑफर भी दिए जा रहे हैं। वोट के कथित ठेकेदार उन्हें पूरा सब्जबाग दिखा रहे हैं और थोक में वोट दिलाने का दावा कर रहे हैं।
जैसे-जैसे दिन गुजर रहे हैं, वोट के ठेकेदार अपना प्रति वोट रेट बढ़ा रहे हैं। हालांकि, चुनाव में वोटर बुद्धिजीवी वर्ग है और वोट के ठेकेदारों का उन पर कितना असर होगा, यह चुनाव के दिन ही पता चलेगा।

शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से शाहपुर के एक वोटर ने बताया कि संघ के नेता टाइप लोग चुनावों में वोट के ठेकेदार बन कर घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भोजपुर का वोट हमेशा चुनाव में निर्णायक साबित हुआ है और वोट प्रतिशत भी यहां का इन चुनावों में बेहतर रहता है, इसलिए उम्मीदवार यहां से बढ़त लेने के लिए एड़ी-चोटी एक किए हुए हैं।

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