राजेश, प्रसाद, पकरीबरावां, नवादा। सरकार डिजिटल इंडिया और बिहार में बहार लाने के लिए जितनी भी योजनाएं ला रही हो लेकिन पकरीबरावां प्रखंड स्थित बुधौली पंचायत के तरहरा गांव की विकास मामले में पिछड़ा है। ग्रामीण कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं पर उनकी समस्या दूर करने में न प्रशासन की दिलचस्पी है और न ही जनप्रतिनिधियों की।
बुधौली पंचायत के लोग स्वास्थ्य, नाली-गली, स्कूल, सिंचाई, बिजली और सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं। इतनी बड़ी आबादी को इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचने में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
आजतक गांव में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण नहीं हुआ। समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलने से यहां के लोगों को पकरीबरावां से लेकर नवादा तक का दौड़ लगानी पड़ रही है। ऐसे में जागरण टीम ने तरहरा गांव पहुंची और लोगों से समस्याओं की जानकारी ली।
स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने की स्थिति में ग्रामीण जाए तो जाए कहां। प्राथमिक चिकित्सा के लिए सिर्फ झोलाछाप (ग्रामीण चिकित्सक) का सहारा है। गांवों की ज्यादातर आबादी झोलाछापों पर निर्भर होकर रह गई है। रात के समय कोई बीमार पड़ जाए तो झोलाछापों के अलावा कोई रास्ता नहीं है।
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यहां करीब चार साल पहले नल-जल योजना का लाभ लोगों को मिला था पर वह भी ढाक के पाठ साबित हुआ। चालू होने से पहले ही बंद हो गया। लोग पेयजल को तरस रहे हैं। इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।
लाखों रुपये खर्च के बावजूद गांव की हालत बदहाल है। यहां नाली तक नहीं बनी है। सभी गलियों की स्थिति नारकीय बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात में पानी घरों में घुस जाता है। पानी निकासी के स्थायी प्रबंध नहीं है। गंदे पानी के जमावड़े से गांव में मक्खी-मच्छरों की भरमार है। इस गंदगी ने ग्रामीणों का जीना मुहाल किया हुआ है।
सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान वर्षा आधारित खेती करते हैं। नदी का पानी खेतों तक पहुंचाया जाता तो यह किसानों के लिए वरदान साबित होता, पर इन योजनाओं की ओर किसी भी जनप्रतिनिधि ने अबतक कोई प्रयास नहीं किया।
इसके अलावा, खेतों तक आज तक बिजली लाइन नहीं पहुंचने से किसानों को भारी परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति में किसानों को अपनी खेती के लिए निजी नलकूप या मानसून पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में किसानों को हर सीजन में फसलें खराब होने का खतरा बना रहता है। क्षेत्र के किसान अपने खेतों तक बिजली के लिए टकटकी लगाए हुए हैं।
इस गांव में शिक्षा व्यवस्था की भी हालत खराब है। गांव में एक नवसृजित प्राथमिक विद्यालय है। विद्यालय भवनहीन है। ग्रामीणों के अनुसार विद्यालय में एक शिक्षक कार्यरत है, वह भी समय पर नहीं पहुंचते हैं।
बुधौली पंचायत के मुखिया पप्पू मांझी कहते हैं कि गांव मे कई सुविधाएं नहीं है। स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा को दुरुस्त किया जाएगा। खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। विद्यालय का भवन से लेकर, गांव तक सड़क लाने को लेकर प्रखंड से लेकर जिला तक पहुंचाया गया है। अपने कार्यकाल में पंचायत को हर मामले में विकसित करेंगे।