जागरण संवाददाता, खगड़िया: सोमवार की देर रात खगड़िया मंडल कारा के वार्ड नंबर 23 में कोहराम मचता रहा और वार्ड में बंद अन्य बंदी सहमे रहे। बंदी प्रमोद चौधरी तब तक राजन सिंह की पिटाई करता रहा, जब तक वह बेहोश होकर गिर नहीं गया। कारा सूत्रों की माने तो बंदी प्रमोद चौधरी पर उस समय खून सवार था। रात में तैनात कक्षपाल व अन्य कर्मियों को घटना के बाद जानकारी मिली। बताया गया कि जेल प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई भी की, मगर राजन को बचाया नहीं जा सका।
इस मामले में काराधीक्षक धर्मेंद्र कुमार द्वारा चित्रगुप्तनगर थाने में बंदी प्रमोद चौधरी पर हत्या का केस दर्ज कराया गया है। काराधीक्षक की अनुशंसा पर मामले की न्यायिक जांच की बात कही गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, विवाद का आरंभिक कारण वार्ड में सोने (बिछावन बिछाने) को लेकर बताया जा रहा है। वैसे आरोपित बंदी प्रमोद चौधरी के गांव बेलदौर के दिघौन के कई लोगों का कहना है कि वह सनकी है। गांव में भी उसके कई कारनामे चर्चित रहे हैं।
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हालांकि, तमाम बातों से अलग मंडल कारा के अंदर का माहौल पुख्ता सुरक्षित माना जाता है। ऐसे में यदि कारा के अंदर देर रात किसी बंदी की पीटकर हत्या कर दी जाती है, तो यह बड़ा सवाल है। जेल प्रशासन का कहना है कि 20 मार्च की रात नौ बजकर 55 मिनट पर वार्ड नंबर 23 के इंचार्ज कक्षपाल दीपक कुमार एवं प्रभारी कक्षपाल सत्येंद्र कुमार ने बंदियों का शोर सुनकर शीघ्र कारा गेट से चाभी लाकर वार्ड 23 को खोला और बेहोश बंदी को कारा चिकित्सक को दिखाया। कारा चिकित्सक द्वारा बंदी को रेफर करने पर उसकी विशेष जांच व उपचार के लिए उसे सदर अस्पताल लाया गया, जहां 11 बजकर 05 मिनट पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
अब सवाल यह उठ रहा है कि जब राजन के साथ बेरहमी से वार्ड नंबर 23 में पिटाई की जा रही थी, तब उस समय तैनात कक्षपाल और प्रभारी कक्षपाल कहां थे? बताया गया कि प्रमोद चौधरी बंदी राजन की बेरहमी से पिटाई करता रहा और जब वह बेहोश हुआ तब जाकर तैनात कक्षपाल और प्रभारी कक्षपाल शोर सुनकर गेट से चाभी लाए। ऐसे में यह लगता है कि कारा के अन्य बंदियों की सुरक्षा व देखरेख में कहीं न कहीं खामियां तो हैं। देर रात कारा के अंदर का माहौल शांत रहता है और बेरहमी से मारपीट के दौरान बंदी राजन व अन्य बंदियों ने शोर भी मचाया होगा, मगर फिर भी कक्षपाल व प्रभारी कक्षपाल को देर से जानकारी मिली और वो राजन के बेहोश होने के बाद पहुंचे। घटना के प्रत्यक्षदर्शी कारा के उक्त वार्ड के अन्य बंदी भी हैं। जांच के दौरान यह सामने आएगा कि आखिर किस स्तर पर लापरवाही हुई और घटना का कारण क्या था।
कारा के वार्ड नंबर 23 के बंदी राजन कुमार की कितनी बेरहमी से पिटाई की गई इसका मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट से पर्दाफाश हो रहा है। उसकी पिटाई अंदर ही अंदर इतनी गंभीर थी कि उसने एक घंटे के बाद ही दम तोड़ दिया। चित्रगुप्तनगर थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि मृतक की बेरहमी से पिटाई की गई थी। मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें उसके मुंह से खून बहने, छाती, पजरा और गर्दन में चोट के निशान दर्ज हैं। वैसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बहुत कुछ स्पष्ट होगा।
"बंदी प्रमोद चौधरी के खिलाफ चित्रगुप्तनगर थाना में हत्या का केस दर्ज करवाया गया है। न्यायिक जांच की अनुशंसा की गई है। जांच में सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।"
-धर्मेंद्र कुमार, काराधीक्षक, मंडल कारा खगड़िया