बिहार में थाने से 15 किमी दूर मिनी गन फैक्ट्री में बनते रहे हथियार, सोती रही पुलिस; 3 राज्यों में होती थी खपत



राजीव कुमार, पूर्णिया: जिले के धमदाहा थाने से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुकरौन के एक ठिकाने पर वर्षों से अवैध हथियार बनते रहे और धमदाहा थाने की पुलिस सोती रही। यह तो खैर है कि धमदाहा में हथियार बनाए जाने एवं बंगाल सहित कई राज्यों में इस अवैध हथियारों को खपाने की खबर बंगाल एसटीएफ को लग गयी। जिसके बाद बंगाल एसटीएफ एवं बिहार एसटीएफ की संयुक्त टीम ने मंगलवार को कुकरौन के गौरव चौधरी एवं सौरव चौधरी नामक दो भाइयों के घरों में छापेमारी कर इस मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर दिया।

जब बिहार-बंगाल की एसटीएफ टीम ने कुकरौन के इस ठिकाने पर छापामारी की तो वो यह देखकर दंग रह गए कि एक नहीं बल्कि तीन हथियार बनाने वाले कारीगर इस ठिकाने पर हथियार बना रहे थे। जिनमें दो मुंगेर जिले के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के खानकाह के रहने वाले मो. शाहिद एवं मो. शहाबुद्दीन थे, तो तीसरा भागलपुर जिले के बिहपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला मो. सोनू उर्फ शहनवाज था। एसटीएफ ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया। ठिकाने से पांच दर्जन से अधिक देशी कट्टा बनाने का सामान भी बरामद किया गया। एसटीएफ ने छापे में साठ लोहे की रॉड, 50 बैरल बॉडी, 12 प्लेट बॉडी, दो लेथ मशीन, 16 स्लाइड, 20 अर्द्ध-निर्मित पिस्टल एवं एक तैयार देशी कट्टा बरामद किया।
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अवैध हथियार बनाने का सामान
कुकरौन के जिस ठिकाने पर मिनी गन फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था, एसटीएफ की छापेमारी होते ही वहां से दोनों भाई फरार हो गए। हथियार बनाने वाले तीनों कारीगरों को एसटीएफ ने मौके से गिरफ्तार कर लिया। पकड़ में आए मुंगेर एवं भागलपुर के इन तीनों हथियार बनाने वाले तस्करों ने एसटीएफ को हथियार तस्करी के संबंध में कई तरह की अहम जानकारी उपलब्ध कराई है। इन हथियार बनाने वाले कारीगरों ने एसटीएफ को बताया है कि यहां लंबे समय से अवैध हथियार का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर तैयार हथियार बंगाल के अलावा झारखंड एवं उड़ीसा के राज्यों में हथियार तस्करों द्वारा ले जाकर खपाया जाता था। उन्हें एक हथियार बनाने पर एक निश्चित रकम का भुगतान मिनी गन फैक्ट्री के संचालक द्वारा किया जाता था।

बंगाल एसटीएफ ने धमदाहा के कुकरौन से हथियार की खेप लेकर बंगाल में खपाने जा रहे तीन तस्करों को पकड़ा था। एसटीएफ की गिरफ्त में आने के बाद इन हथियार तस्करों ने इस बात का खुलासा किया था कि अवैध हथियार का निर्माण धमदाहा के कुकरौन स्थित मिनी गन फैक्ट्री से किया गया है। इन तस्करों ने पूछताछ में यह राज भी उगला था कि यहां पर हर माह हथियार की बड़ी खेप तैयार कर कई राज्यों में खपाई जा रही है। इसके बाद बंगाल एसटीएफ ने इस जानकारी को बिहार एसटीएफ के साथ साझा किया, जिसके बाद उक्त ठिकाने पर छापेमारी की गयी।


छापे में बरामद अर्धनिर्मित हथियार
धमदाहा थाना में भले ही मिनी गन फैक्ट्री का संचालन कर यहां तैयार अवैध हथियार की राज्यों में खपाया जा रहा हो। मगर इस थाने को लेकर वरीय पुलिस अधिकारियों की उदासीनता का आलम यह है कि यहां कई माह से स्थाई थाना अध्यक्ष नहीं है। यहां के थाना प्रभारी खुद प्रभारी थानेदार है। धमदाहा थाना अनुमंडल पुलिस थाना है और यहां थाना अध्यक्ष की कमान पुलिस निरीक्षक स्तर के पुलिस पदाधिकारी को संभालना है। मगर विगत माह से पुलिस अवर निरीक्षक स्तर के पुलिस पदाधिकारी थाने की कमान  संभाल रहे हैं। इस संबंध में वरीय अधिकारियों का कहना है कि पुलिस निरीक्षक स्तर के पदाधिकारियों की कमी है।


बयान
"बंगाल एसटीएफ से मिली सूचना के आधार पर बिहार एसटीएफ एवं बंगाल एसटीएफ की टीम बनाकर धमदाहा के कुकरौन में छापामारी कर हथियार बनाने की मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया गया है। यहां तैयार अवैध हथियार बंगाल के अलावा झारखंड एवं अन्य राज्यों में खपाया जाता था।
-किम, एसटीएफ डीआइजी, पटना

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