रजौली (नवादा), संवाद सहयोगी। चैत नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रही है। इस बार माता रानी नौका पर सवार होकर आएंगी और डोली पर सवार होकर जाएंगी। माता दुर्गा का आगमन शुभकारी और जाना कष्टकारी बताया जा रहा है।
बजरंगबली चौक के हनुमान मंदिर के ज्योतिषाचार्य प्रहलाद पांडेय ने बताया कि बुधवार को नौका पर माता के आने से विश्व कल्याण होगा। सभी कार्यों की सिद्धि होगी। वहीं, दशमी तिथि शुक्रवार को माता डोली पर सवार होकर जाएंगी, जो प्राणियों के लिए कष्ट कारक होगा। इससे प्राकृतिक आपदाओं के संकेत हैं।
उन्होंने बताया कि नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना कर देवी के पहले स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की जाएगी। दरअसल, मान्यता है कि नवरात्र में माता का पाठ करने से देवी भगवती की खास कृपा होती है। मां दुर्गा को सुख,समृद्धि और धन की देवी माना जाती है।
ज्योतिषाचार्य प्रहलाद पांडेय ने बताया कि जो भक्त पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करते हैं, उन्हें माता का खास आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि साल में चार बार नवरात्र का पर्व मनाया जाता है। इसमें चैत और शारदीय नवरात्र के अलावा और दो गुप्त नवरात्रि के मनाए जाने का विधान है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्र का त्योहार मनाया जाएगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। चैत नवरात्र का त्योहार 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च को समाप्त होगा।
इस साल 22 मार्च से हिंदू नव वर्ष यानी विक्रम संवत 2080 की शुरुआत शुभ योग में हो रही है। जानकारों का मानना है कि इस साल हिंदू नव वर्ष कई राशियों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है। 22 मार्च से नवरात्रि की शुरुआत से ही शुभ संयोगों की भी शुरुआत हो रही है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नए साल बुधवार से शुरू हो रहा है। इस कारण आकाशीय मंत्रिमंडल के राजा बुध रहेंगे, जबकि भोग विलास और सुख संपत्ति के कारक शुक्र ग्रह मंत्री की भूमिका में होंगे। बुध के राजा होने की वजह से धार्मिक कार्य में लोगों की रुचि बढ़ेगी और स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक होंगे।
उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल 2023 से 25 मई 2023 तक चर्तुग्रही योग बन रहा है और 10 मई से 30 जून तक मंगल और शनि के बीच षड्यंत्र योग बनने से विश्व के कुछ देशों में आपसी टकराव बढ़ेगा।