किशनगंज, संवाद सहयोगी। बिहार के किशनगंज जिले में पुलिस ने एक बीएसएफ के एक जवान को गिरफ्तार किया है। बिहार पुलिस को लंबे वक्त से उसकी तलाश थी। बीएसएफ के वर्दी के आड़ में वह लंबे समय से शराब की तस्करी कर रहा था। पूछताछ की गई तो उसने कहा कि एक साल से वेतन नहीं मिला है, जिसके कारण वह अवैध कारोबार करता है। बीएसएफ इंस्पेक्टर की कार से 106 लीटर शराब, लाइसेंसी पिस्टल, 8 राउंड गोली, 2126 रुपये नगदी व एक मोबाइल बरामद किया गया है।
पुलिस ने बताया कि बीएसएफ का जवान वर्दी और आईडी कार्ड का धौंस दिखाकर शराब की तस्करी करता था। कार पर सेना संबंधित बोर्ड लगाकर वह पुलिस को चकमा देता था। शराब तस्कर के आरोप में बीएसएफ का जवान पूर्व में कई बार उत्पाद विभाग व पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहा है।
उत्पाद विभाग को कुछ समय से बीएसएफ इंस्पेक्टर के द्वारा शराब तस्करी की सूचना मिल रही थी। इससे पहले भी बीएसएफ इंस्पेक्टर उत्पाद विभाग को चकमा देकर फरार हो गया था। इस बार उत्पाद विभाग ने टाउन थाना पुलिस के साथ संयुक्त कार्रवाई कर बीएसएफ इंस्पेक्टर को शराब तस्करी करते रंगे हाथ दबोच लिया और सलाखों के पीछे भेज दिया।
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गिरफ्तार बीएसएफ इंस्पेक्टर आलोक कुमार रविकार पिता दामोदर प्रसाद गुरुबाजार बरारी कटिहार जिले का निवासी है। जवान अपनी वर्दी का फायदा उठाकर सीमांचल के जिलों में शराब तस्करी कर रहा था। अपनी कार पर कभी प्रशासन का बोर्ड तो कभी सीएपीएफ किशनगंज का बोर्ड लगाकर और खुद बीएसएफ की वर्दी में जवान लंबे समय से बंगाल से शराब की खेप लेकर बिहार में तस्करी करता था।
वहीं, कार के डैशबोर्ड पर अपना लाइसेंसी बंदूक रख देता था, जिससे पुलिस को शराब तस्करी का भनक तक न लग सके। गिरफ्तार बीएसएफ इंस्पेक्टर का रुतबा ऐसा था कि यदि कोई भी उसकी गाड़ी रुकवा लेता तो अपना आईडी कार्ड निकाल कर तुरंत दिखाता और जवाब ऐसा देता कि कोई भी शक ना कर सके कि कार में वह शराब की तस्करी कर रहा है।
पूछताछ में जवान ने बताया कि वहरेजीमेंट नंबर 1002582 इंस्पेक्टर के पद पर 94 बटालियन बीएसएफ खगड़ा में पदस्थापित है। जवान 28 फरवरी 2023 से चिकित्सा उपचार हेतु अवकाश में था। आरोपित ने बताया कि बीएसएफ की वर्दी पहनकर वह शहर से सटे पश्चिम बंगाल के रामपुर स्थित गुप्ता होटल से शराब खरीद कर अपने गृह जिला कटिहार में ऊंची कीमत पर बेचता था।
गिरफ्तार इंस्पेक्टर के पास से पुलिस ने एक लाइसेंसी पिस्टल भी बरामद किया है। लाइसेंसी हथियार के बारे में उसने बताया कि वर्ष 2012 में उसने जम्मू-कश्मीर से 7.65 एमएम की पिस्टल खरीदी थी। गिरफ्तार बीएसएफ इंस्पेक्टर के विरुद्ध टाउन थाना में उत्पाद अधिनियम व आर्म्स एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर रविवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वहीं, उसके आर्म्स लाइसेंस को भी रद करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
बीएसएफ इंस्पेक्टर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि करीब एक वर्ष से चिकित्सीय एवं अन्य अवकाश पर लगातार रहने के कारण वेतन नहीं मिल रहा था। लंबे वक्त से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, इसलिए शराब का कारोबार करने लगा। इधर, अवैध कारोबार करने के मामले में बीएसएप इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी से हर कोई हैरान है। विभागीय अधिकारी भी सकते में हैं। पुलिस पूरी मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है।