बक्सर, जागरण संवाददाता: होलिकोत्सव में मेहमानों के आदर, सत्कार एवं सद्भावना के साथ उन्हें विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाने की परंपरा प्राचीन दौर से चली आ रही है।
सत्कार भी ऐसा, जैसे पहले से उनके स्वागत को पलक पांवड़े बिछा रखे हों। इसमें अतिथि देवो भव: की संस्कृति कायम होते दिखती है। मेल-मिलाप के इस त्योहार में मेवा, मिष्ठान, ठंडई आदि की डिमांड बढ़ गयी है।
दरअसल, होली पर पूरी और उसके संग में आलू-कटहल की सब्जी प्रायः हर घर में मुख्य रूप से बनी हुई दिखती है। मालपुआ, गुजिया, चंद्रकला और कुछ ड्राई फ्रूट्स भी आतिथ्य सत्कार में उनके टेबल पर रखे दिखते हैं।
स्वीट्स स्टोर के मालिक आनंद ने बताया कि गुजिया, चंद्रकला जैसी मिठाइयों की डिमांड खूब है। दूसरी ओर त्योहार को देखते हुए इन दिनों में किराना की दुकानों पर भी ड्राई फ्रूट्स के आइटमों की बिक्री बढ़ गयी है।
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इस बाबत किराना दुकानदार संतोष कुमार केसरी व सोमेश्वर प्रसाद केसरी ने बताया कि इस मौके पर सूखे मेवों में सबसे अधिक डिमांड छुहारा, गरिगोला व किशमिश की रहती है।
वैसे तो बारहों महीने इन चीजों की डिमांड रहती है, परन्तु यही वह प्रमुख त्योहार है, जिसमें अन्य दिनों की तुलना में 70-80 फीसदी सूखे मेवों की मांग बढ़ जाती है।
दुकानदारों ने बताया कि सूखे मेवों के भाव में कोई तेजी नहीं आई है। खुदरा मूल्य पर जहां होली त्योहार से पूर्व बादाम गिरी का भाव प्रति किलो के हिसाब से 700-750 का था वो घटकर 600-700 हो गया है। किशमिश, गरीगोला के भाव भी सामान्य हैं।
छुहारा के भाव में प्रतिकिलो 50 रुपए की वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन ताल मखाना का भाव जो पहले था उसमें लगभग 50 रुपए की गिरावट भी आई है। वैसे पूरे साल मेवा के भाव में मामूली उतार-चढ़ाव का दौर बना ही रहता है।
1. काजू - 700-1200 रुपया प्रति किलो 2. बादाम गिरी - 600-700 रुपया प्रति किलो 3. किशमिश - 225-300 रुपया प्रति किलो 4. छुहारा - 300 रुपया प्रति किलो 5. ताल मखाना - 500 रुपया प्रति किलो 6. गरी गोला - 260 रुपया प्रति किलो