Bihar: तमिलनाडु में फंसे शेखपुरा के सौ से अधिक लोग, कार्यस्थल पर खुद को बंधक बनाकर रहने को विवश; स्वजन चिंतित



शेखपुरा, जागरण संवाददाता। Tamil Nadu Bihari Row: तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ कथित हिंसा की खबरों ने शेखपुरा जिले में भी चिंता बढ़ा दी है। जिले के विभिन्न गांवों के सैकड़ों लोग तमिलनाडु के अलग-अलग स्थानों पर रहकर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया में प्रसारित वहां बिहारियों के खिलाफ हिंसा की खबरों के बाद उनके स्वजन चिंतित हैं।
कई लोग तो वहां अपने कार्यस्थलों पर ही स्वयं को बंधक बनाकर रहने को विवश हैं। कार्यस्थल पर खुद को बंधक बनाए लोग हिंसा के डर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। शेखपुरा जिले के अरियरी थाने के ककड़ार और कसार थाने के चांदी गांव के कई लोग तमिलनाडु के त्रिचूर तथा कोयंबटूर में फंसे हुए हैं।

नवीनगर के पप्पू कुमार, श्रीकांत कुमार, छोटे प्रसाद सहित कई लोग त्रिचूर में फंसे हुए हैं। यहां गांव में उनके स्वजन ने बताया कि वे वहां धागा फैक्ट्री में काम करते हैं। फैक्ट्री चार दिनों से बंद है। स्थानीय लोगों के मारपीट के डर से वे फैक्ट्री से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
कोयंबटुर में रह रहे चांदी गांव के सातो प्रसाद, बबीतन प्रसाद, आशीष कुमार व रंजीत प्रसाद के परिवार वालों ने बताया कि वे लोग घर आना चाहते हैं, मगर मारपीट के डर से निकल नहीं पा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन भी कोई पहल नहीं कर रहा है।
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शेखपुरा के एसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने कहा कि अभी तक शेखपुरा जिले के किसी व्यक्ति या परिवार ने इस संबंध में न तो बात की है, न ही किसी तरह की मदद मांगी है। अगर, किसी ने संपर्क किया और मदद मांगी तो उन्हें दी जाएगी। 
भाषा को लेकर बिहारी मजदूरों से मारपीट करने के मामले में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) शशिभूषण कुमार के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। यह परिवाद कटरा थाने के धनौर गांव निवासी वेदप्रकाश ने दाखिल किया है। कोर्ट ने इसको सुनवाई पर रखा है। 18 मार्च की तिथि तय की गई है।


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