नसबंदी कराने के बाद दर्द से तड़पने लगी महिला, नर्स ने इंजेक्शन लगाने के लिए मांगे पैसे; ढाई घंटे बाद मौत



संवाद सूत्र, नवादा : बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। कुछ समय पहले खगड़िया समेत राज्य के कई जिलों में बिना बेहोश किए नसबंदी करने का मामला चर्चा में रहा। वहीं गुरुवार को नवादा में नसबंदी कराने के ढाई घंटे बाद दर्द से कराहती महिला की मौत हो गई। मृतका के परिवार वालों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकरीबरावां का है। जानकारी के मुताबिक, छतरवार के रहने वाले मनोज मांझी की पत्नी सोनी देवी गुरुवार को बंध्याकरण कराने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पकरीबरावां पहुंची थीं। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने कुछ महिलाओं की सर्जरी की थी, जिनमें 24 साल की मृतका सोनी भी शामिल थी।

मृतका के परिवार वालों का आरोप है कि सोनी का ऑपरेशन सही से नहीं किया गया और न बाद में उसकी ठीक से देखभाल की गई। ऑपरेशन के कुछ समय बाद ही सोनी की तबीयत बिगड़ने लगी। ड्यूटी पर तैनात एएनएम को जब इस बारे में बताया गया तो उसने ध्यान नहीं दिया। दर्द से तड़पते-तड़पते ढाई घंटे बाद महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात एएनएम ने पैसे की मांग भी की थी। कहा कि 20 रुपये दो, तब ही इंजेक्शन लगाएंगे।
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ऑपरेशन के ढाई घंटे बाद ही महिला की मौत हो जाने की सूचना मिलने से हाहाकार मच गया है। सुबह होते ही महिला के परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ के तेवर देखकर डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी वहां से निकल गए। मौके पर पहुंचे प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं पकरीबरावां पुलिस ने लोगों को समझाया। लोग सीएस को बुलाने की मांग पर अड़े थे।

सूचना मिलने पर सीएस बीएन चौधरी सीएचसी पहुंचे। उन्होंने स्वजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। प्रखंड विकास पदाधिकारी नीरज कुमार ने पारिवारिक लाभ योजना अंतर्गत 20 हजार रुपए दिए। वहीं, अस्पताल प्रबंधन की ओर से भी 20 हजार रुपए सहायता दी गई। सीएस एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी ने अन्य सरकारी सहायता दिलाए जाने का आश्वासन दिया। पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए नवादा भेज दिया है।


चार बच्चों के सिर से उठा मां का साया
सोनी देवी की मौत से उनके चार बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया है। चारों बच्चे एक दूसरे से लिपट कर रो रहे थे। महज तीन-चार माह पहले ब्याही गई बड़ी बेटी अंशु कई बार बेहोश हो चुकी थी। दिव्यांशु, कृष्णा- अंशु तथा अर्चना का रो-रोकर बुरा हाल था। बेटी की मौत की सूचना पर काशीचक से पहुंची मां भी रोते-रोते बेहोश हो रही थी।
एएनएम पर पैसे लेने की शिकायत मिली है। लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ पीड़ित  द्वारा थाना में भी आवेदन दिया गया। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच कर अति शीघ्र कार्रवाई की जाऐगी।
—डॉ. बीएन चौधरी, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी नवादा


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