जुए का जाल: बस कागजों पर लॉटरी बंद, यहां धड़ल्ले से चल रहा धंधा, पुलिस भी कार्रवाई करने में बरत रही लापरवाही



जागरण संवाददाता, दरभंगा। बिहार में लॉटरी प्रतिबंधित है। इसे 1993 में ही अवैध करार दे दिया गया था। लॉटरी खेलने और खिलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का प्रविधान किया गया है।
हालांकि, यह कागजों तक ही सीमित रहा। कभी कभार छापेमारी की भी जाती है। दो-चार लोगों को गिरफ्तार कर अभियान की खानापूर्ति कर ली जाती है।
नतीजतन शहर से लेकर गांव तक में नंबर लॉटरी का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। इसके खिलाफ समुचित कार्रवाई हो इसे लेकर पुलिस पूरी तरह से मंद है।

लॉटरी की कीमत कम होती है, लिहाजा अधिकांश गरीब लोग आसानी से धंधेबाजों के जाल में फंस जाते हैं और अमीर बनने की फिराक में लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को गंवा देते हैं।
अब अवैध लॉटरी का धंधा इस तरह से फल-फूल रहा है कि मानो धंधेबाज कोई दुकान चला रहा हो। इस गोरखधंधे के जरिए कई धंधेबाज करोड़पति बन चुके हैं। जबकि लॉटरी खरीदने वाले लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई खो रहे हैं।
खासकर रिक्शा चालक, फुटपाथी दुकानदार आदि। इस पूरे खेल के पीछे सफेदपोश लोग शामिल हैं। जिनके संरक्षण में यह गोरखधंधा चल रहा है। जो पर्दे के पीछे से पूंजी लगाते हैं, बिना रोक-टोक के धंधेबाजों का धंधा चले इसकी व्यवस्था करते हैं।
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दुनिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। सरकारी दफ्तर अथवा निजी, फुटपाथ के दुकानदार हों या बड़े व्यवसायी, सभी कागज को अलविदा कह चुके हैं। जहां नहीं हुआ वहां डिजिटल बनने की तैयारी चल रही है।
ऐसे में लॉटरी धंधेबाज भी हाईटेक हो चुके हैं। एक जमाना था कि धंधेबाज चोरी-छिपे कागज पर बने लॉटरी के टिकट बेचकर मालामाल हो रहे थे। अब इस धंधे को डिजिटल रूप दे चुके हैं।
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मसलन, ऑनलाइन लॉटरी का खेल चल रहा है। छह और दस रुपये में नंबर बेचने वाले डिजिटल माध्यम आदि के जरिय भुगतान ले रहे हैं। लॉटरी का ड्रा भी ऑनलाइन होता है।
नंबर लॉटरी से रोजाना दरभंगा जिले में दस लाख का कारोबार होता है। इससे राज्य सरकार को एक रुपये का भी लाभ नहीं होता है। हालांकि, दूसरे राज्य को इससे जरूर लाभ होता है।
दरअसल, जिस राज्य की साइट से यहां ऑनलाइन लॉटरी खेली जाती है, वह निबंधित होता है, जो कर चुकता करता है। ऐसी स्थिति में नंबर लॉटरी से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
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चंद मिनटों में करोड़पति बनने के लालच में लोग लॉटरी की खरीदारी कर रहे हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है।
देश के 13 राज्यों में लॉटरी को वैध माना गया है। इसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब, सिक्किम और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं। शेष राज्यों में सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है।

राज्य सरकार ने लॉटरी खेलने व खिलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का प्रविधान किया है। अधिवक्ता अमरनाथ मंडल ने बताया कि इसके खिलाफ धारा 294 ए, 420 आदि धारा के तहत कार्रवाई की जाती है।
धारा 294 ए के तहत लॉटरी कार्यालय रखने पर छह माह के कारावास या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित करने का प्रविधान है। लॉटरी संबंधित प्रस्ताव को छापना या प्रकाशित करने को भी अपराध के श्रेणी में रखा गया है। इसमें जुर्माने का प्रविधान है।

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