सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। सीतामढ़ी शहर के मेहसौल ओपी क्षेत्र अंतर्गत राजोपट्टी स्थित एक नर्सिंग होम में एक साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत के बाद सोमवार शाम को घंटों हंगामा हुआ। बच्चे को बुखार व दस्त की शिकायत थी। रविवार को अपराह्न तीन बजे बच्चे को भर्ती किया गया था। बच्चा कनहौनी थाना क्षेत्र के बगहा गांव के अबोध मुखिया व रीना देवी का पुत्र था।
स्वजन का आरोप है कि हरिओम की तबीयत बिगड़ी तो राजोपट्टी स्थित डाक्टर मो. जफर के चिल्ड्रेन हास्पीटल में भर्ती करया गया। पहले दिन डाक्टर ने इलाज कर बताया कि बच्चा ठीक हो जाएगा। करीब दस हजार रुपये दवा, जांच आदि पर खर्च हुए। हालांकि, बच्चे की स्थिति लगातार बिगड़ती रही। सोमवार सुबह से उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई।
बच्चे की मां रीना देवी ने कहा कि कंपाउंडर को यह बात बताई, मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। दोपहर में जब स्वजन बच्चे को दूसरे अस्पताल में ले जाने की तैयारी करने लगे तो स्टाफ आनाकानी करने लगे। सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा था कि बच्चे को डाक्टर साहब आकर देखेंगे। ठीक हो जाएगा। बच्चे की तबीयत और गंभीर हो गई और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। डाक्टर भी बच्चे को देखने नहीं आए।
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इसी बात को लेकर स्वजन आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे। इसके बाद अस्पताल के सभी कर्मी बच्चे के इलाज के कागजात लेकर भाग गए। मौके पर मेहसौल आपी की पुलिस पहुंची। मामले को शांत कराया। बच्चे की मौत से माता-पिता बार-बार अचेत होकर गिर रहे थे। आसपास के लोग भी बच्चे की मौत के लिए अस्पताल को जिम्मेवार ठहरा रहे थे।
इधर, अस्पताल के डाक्टर जफ्फर का कहना है कि बच्चा जन्म के बाद से ही बीमार रहता था। उसको सेप्टीसीमिया व डिहाइड्रेशन की शिकायत थी। इसकी जानकारी स्वजन को दे दी गई थी। यह भी बता दिया गया था कि स्थिति ठीक नहीं है। हम अपनी ओर से बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे थे। समुचित इलाज व देख-रेख के बावजूद मौत हो गई। लोगों को समझना होगा कि सबकुछ डाक्टर के हाथ में नहीं होता है।