संसू, सिकटी (अररिया)। सिकटी प्रखंड क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालय पोखरिया आमगाछी के शिक्षक गोपाल केशरी ने विद्यालय के एक कमरे में गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वे मनोरोगी थे और दो वर्षों से नेपाल स्थित विराटनगर में मनोचिकित्सक से उनका इलाज चल रहा था।
स्कूली बच्चों ने बताया कि वर्ग संचालन के दौरान ही यह घटना घटी। घटना की जानकारी मिलते ही शिक्षक, बच्चे व ग्रामीण विद्यालय परिसर में जमा हो गए। घटना की जानकारी सिकटी पुलिस को दी गई। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने स्थल का अवलोकन करते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल अररिया भेज दिया।
वहीं, स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना मिलते ही शिक्षक के साथी अपने सहकर्मी को देखने पहुंचे। मिली जानकारी के अनुसार, मृतक शिक्षक हिंदी पढ़ाते थे। 16 जुलाई 2014 में उनका नियोजन इस विद्यालय में हुआ था।
बताया जाता है कि शिक्षक बहुत ही शांत व मिलनसार प्रवृत्ति के थे। रोज की तरह गुरुवार को विद्यालय पहुंचे थे। प्रार्थना के बाद वर्ग का संचालन शुरू हुआ। लेकिन वे अपने वर्ग में नहीं पहुंचे। इसके बाद बच्चों ने कार्यालय में जाकर प्रधान शिक्षक को बताया कि शिक्षक आज कक्षा में नहीं आए हैं।
काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वे कक्षा में नहीं पहुंचे तो बच्चों ने उन्हें खोजना शुरू किया। खोजते हुए जब बच्चे स्कूल की प्रथम मंजिल की तरफ गए तो देखा कि शिक्षक गोपाल केशरी का शव रस्सी के सहारे कमरे में लटक रहा है। डरे सहमे बच्चों के हल्ला करने पर सभी शिक्षक ऊपर की ओर दौड़ पड़े।
शिक्षकों ने मिलकर उनको फंदे से उतारा तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। घटना की खबर मिलते ही स्कूल परिसर में लोगों की भीड़ जुट गई। इसके बाद सिकटी पुलिस को सूचना दी गई। जानकारी मिलते ही सिकटी थाने के एएसआई शाहिद खां पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक शिक्षक गोपाल केशरी की पत्नी भी शिक्षिका हैं। पत्नी रचना गुप्ता बगल के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बारूदह में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। घटना की जानकारी उन्हें दी गई। सूचना मिलते ही बदहवास हालत में विद्यालय पहुंचीं और पति के शव से लिपटकर रोने लगीं। इससे माहौल गमगीन हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि तीन साल पहले ही दोनों ने प्रेम विवाह किया था। उनका एक छोटा बच्चा भी है।
शिक्षक द्वारा आत्महत्या की सूचना मिलते ही बीडीओ राकेश कुमार ठाकुर सभी कार्यक्रम स्थगित कर विद्यालय पहुंचे। वहां उपस्थित शिक्षिका को ढांढस बांधते हुए दूसरे सहयोगी शिक्षिकों को हौसला रखने की बात कही। इस मामले में प्रधानाध्यापक शरणदेव पासवान की मानें तो विगत दो वर्षों से नेपाल स्थित विराटनगर में मनोचिकित्सक द्वारा गोपाल का इलाज चल रहा था। वे लगातार अवसाद की स्थिति में थे। अपने सहयोगी शिक्षकों से भी दूर और एकांत में रहना पसंद करते थे।
प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति साफ हो जाएगी। पत्नी के आवेदन के आधार पर यूडी केस दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है। - लोधा खारिया, प्रभारी थानाध्यक्ष सिकटी