मुंगेर, रजनीश: समाधान यात्रा में मंगलवार को मुंगेर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि परिवार में केवल पुरुष काम करेगा तो समाज आगे नहीं बढ़ेगा। महिलाएं काम करेंगी, तब ही आगे बढ़ेंगी। महिलाओं को जीविका के माध्यम से स्वरोजगार मिल रहा है। इससे समाज में बड़ा बदलाव आया है। मुख्यमंत्री प्रेक्षा गृह में मुंगेर, लखीसराय और शेखपुरा जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू कर बिहार ने बापू के सपने को साकार किया है। आपके कहने पर शराबबंदी लागू की गई, इसका फलाफल दिख रहा है। शराबबंदी के बेहतर परिणामों का श्रेय उन्होंने नारी शक्ति को दिया। मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को एक बड़ा सामाजिक आंदोलन बताया।
सीएम ने समाधान यात्रा के दौरान महिला उत्थान और शराबबंदी के प्रयास पर विस्तार से चर्चा की। सीएम ने समाज में महिलाओं की भूमिका में आए बदलाव पर कहा कि पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर महिलाएं काम कर रही हैं। 2006 में महिलाओं को पंचायती राज व्यवस्था व नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत की भागीदारी बिहार में दी जा रही है। इससे बड़े पैमाने पर महिलाएं घरों से निकल कर समाज में आत्मनिर्भर हुई है। इन सब वजहों से महिलाओं का सम्मान समाज व परिवार में काफी बढ़ा है।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। इस वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं सरकारी सेवाओं में नियुक्त होकर कार्य कर रही हैं। नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से परिवारों में भी समृद्धि आई है। उन्होंने कहा कि जहां सरकारी सेवाओं में 35 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में तीनों जिलों के जीविका के 1596 समूहों के बीच 35 करोड़ का चेक वितरित किया।
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जीविका दीदियों से सवांद करते हुए मुख्मंत्री ने कहा कि जीविका से जड़ी महिलाओं ने समाज में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रही हैं। जीविका से जड़ी महिलाएं जहां आत्मनिर्भर बन रही हैं। वहीं, समाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठा कर लोगों को जागरूक भी कर रहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता संभालने के साथ ही सबसे पहले समाज में बेटियों को आगे लाने का प्रयास शुरू किया। साधन के अभाव में बेटियां आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती थी। हाई स्कूल में के लिए लड़कियों को मुफ्त साइकिल देने की योजना की शुरुआत की। यह देशभर में इस तरह की पहली योजना थी। इसके बाद छात्रों को भी साइकिल दी जाने लगी।
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