सिकटी/कुआड़ी (अररिया), संवाद सूत्र: एसएसबी 52वीं बटालियन लेटी तथा कुआड़ी कंपनी की संयुक्त टीम ने बाल मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे छह नाबालिगों को रविवार को मुक्त कराया है। मुक्त कराए गए किशोरों की मानें तो उन्हें बस से हिमाचल प्रदेश भेजा जा रहा था।
इन नाबालिगों को इनके परिवार वालों को 500 रुपये की दैनिक मजदूरी देने का आश्वासन दिया गया था। मुक्त कराए गए किशोरों में चार नेपाल स्थित मोरंग जिले के और दो अररिया जिला स्थित भोलानी गांव के हैं। इन्हें ले जाने वाला तस्कर फरार हो गया, जिसका पता लगाया जा रहा है।
एसएसबी की लेटी कंपनी के असिस्टेंट कमांडेंट सी विवेक के अनुसार, गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। सूचना मिलने के बाद लेटी कंपनी के असिस्टेंट कमांडेंट सी विवेक तथा कुआड़ी कंपनी के इंस्पेक्टर अजीत रंजन की संयुक्त टीम ने बस का पीछा करते हुए उसे मरातीपुर के समीप पकड़ा। बस में कई अन्य यात्री थे। किशोर को पहले ही बस में बिठाकर तस्कर फरार हो गए थे।
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पूछताछ में नाबालिगों ने एसएसबी को बताया कि फोन से हिमाचल के ठेकेदार के साथ ही स्थानीय ठेकेदार से भी बात होती है। परिवार वालों को निर्माण उद्योग में काम दिलाने की बात कही गई है। यह कार्रवाई भारतीय क्षेत्र में सीमा से लगभग पांच किमी अंदर मरातीपुर के समीप हुई है।
नेपाल एपीएफ, सोराभाग तथा मोरंग पुलिस को भी इसकी जानकारी दी गई है। नाबालिगों से मिले मोबाइल नंबर के आधार पर तस्कर का पता लगाया जा रहा है। मुक्त कराए गए सभी नाबालिगों को कुआड़ी पुलिस को सौंप दिया गया है। इसे लेकर बालश्रम अधिनियम व अनैतिक व्यापार अधिनियम तहत केस किया गया है। कुआड़ी ओपी अध्यक्ष अवधेश कुमार ने बताया कि प्रक्रिया पूरी कर सभी नाबालिगों को बाल कल्याण समिति, अररिया को सौंप दिया गया है। इससे पूर्व भी मानव तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं।
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