जागरण संवाददाता, बक्सर। भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य परशुराम चतुर्वेदी का बक्सर में आक्रोश मार्च के दौरान सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे पर हमले और इसमें आरोपित भीम आर्मी के नेताओं की गिरफ्तारी के लिए आयोजित आक्रोश मार्च में शामिल थे। बक्सर के भगत सिंह पार्क में प्रवेश करने के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और वह गिर पड़े। वहीं, चतुर्वेदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे पटना में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान रो पड़े।
हार्ट अटैक आने के तुरंत बाद कार्यकर्ता परशुराम चतुर्वेदी को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां आक्सीजन उपलब्ध नहीं हो सकी। एंबुलेंस से सदर अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। परशुराम चतुर्वेदी विगत विधानसभा चुनाव में बक्सर सीट से भाजपा के प्रत्याशी थे।
#WATCH | Union Minister Ashwini Choubey broke down during a press conference in Patna yesterday while condoling the demise of BJP leader Parshuram Chaturvedi, who was on hunger strike in Buxar over the issue of compensation to farmers. pic.twitter.com/YYxBg76wkM
बता दें कि पिछले दिनों चौसा में किसानों पर ज्यादती के विरोध में आंबेडकर चौक पर मौन व्रत पर बैठे केंद्रीय मंत्री पर भीम आर्मी के नेताओं ने हमले की कोशिश की थी। पटना में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चौबे को परशुराम चतुर्वेदी के निधन की खबर मिली। इसके बाद वह प्रेस सम्मेलन में ही फूट फूटकर रोने लगे। कहा कि चतुर्वेदी चार दिनों से मेरे साथ थे। उन्होंने चतुर्वेदी के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया।
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पटना में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि उनके अपने संसदीय क्षेत्र बक्सर में उनपर 24 घंटे के अंदर दो बार हमले का प्रयास किया गया। यह कुत्सित प्रयास सत्ता संरक्षित गुंडों और अराजक तत्वों का है। बक्सर के चौसा में हुई हिंसक घटनाओं को किसानों को बदनाम करने की साजिश बताते हुए कहा कि इस षड्यंत्र का पर्दाफाश होना चाहिए। चौबे सोमवार को पटना स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों पर हुए पुलिसिया जुर्म और चौसा में हुई हिंसक घटनाओं के विरोध में वह जब बक्सर में 24 घंटे के उपवास पर बैठे थे तब सत्ता संपोषित गुंडों ने उन पर हमले करने की कोशिश की।
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कार्यकर्ता और सुरक्षा गार्ड किसी तरह दो से तीन लोगों को पकड़कर थाने ले गए। स्थिति यह है कि वहां से उन लोगों को छोड़ दिया गया और मेरे लोगों को एक पुलिस अधिकारी द्वारा यह कहा गया कि मंत्री जी अपना काम कर रहे हैं और ये अपना काम कर रहे हैं।