निर्भय, जागरण संवाददाता, खगड़िया: एक्वेरियम में रंग-बिरंगी मछलियां आपने तो देखी होगी।पानी में अठखेलियां करती ये मछलियां बेहद आकर्षक लगती हैं। इन्हीं रंग-बिरंगी मछलियों के कारण खगड़िया प्रसिद्ध है। अब यही मछलियां जिले की महिलाओं को घर बैठे रोजगार भी दिलाएंगी।
खगड़िया मछली उत्पादन को लेकर प्रसिद्ध है। यहां मछलियों की अनेक प्रजाति पाई जाती हैं। यहां की मछलियां न सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि अपने रूप-रंग को लेकर भी प्रसिद्ध हैं। खगड़िया की 20 प्रकार की मछलियां एक्वेरियम वैल्यू की हैं। अभी ये मछलियां किलो के हिसाब से बिकती हैं लेकिन भविष्य में पीस के हिसाब से बिकेंगी।
कोलकाता की रंगीन मछलियों के बदले खगड़िया की मछलियां एक्वेरियम की शोभा बनेंगी। यहां की चन्ना, पोठी, बाघी, कोतरा, कौआ, कबई आदि एक्वेरियम में अठखेलियां करेंगी। इन मछलियों का नाम भी इनके रंग पर है। चन्ना चांदी की तरह चमचम करती है, इसलिए इसे चन्ना कहा जाता है। पोठी भी आकर्षक मछली है। ये आकार में चन्ना से थोड़ी बड़ी होती है लेकिन यह भी चांदी की तरह चमचम करती है। बाघी के ऊपर टाइगर बैंड होता है। इसलिए इसे बाघी कहा जाता है। यह काफी आकर्षक होती है। कोतरा इंद्रधनुषी रंग को समेटे हुई होती है। ललिया लाल रंग की मछली होती है।
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अभी ये रंगीन मछलियां कोलकाता से लाई जाती हैं। अब स्थानीय स्तर पर इनके प्रजनन और पालन की तैयारी की जा रही है। यहां ये मछलियां प्रचुर मात्रा में पाई भी जाती है। बस, उसके संरक्षण-संवर्धन की जरूरत है। अच्छी बात है कि एक्वेरियम में यहां की देसी रंगीन मछलियों को कोलकाता की रंगीन मछलियों के साथ आराम से रखा जा सकता है।
अब खगड़िया में रंगीन मछली और एक्वेरियम के व्यवसाय से महिलाओं को जोड़ने की अच्छी पहल की जा रही है। इसके तहत जीविका दीदियां और मछुआरा समाज की महिलाएं को जोड़ा जाएगा। महिलाएं रंगीन मछलियों का पालन करने के साथ ही एक्वेरियम निर्माण के गुर सीखेंगी। व्यवसाय के लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग की पहली कड़ी में सदर और मानसी प्रखंड की इच्छुक महिलाओं को इसका प्रशिक्षण दिया गया है।
खगड़िया के जिला मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि अलंकारी मत्स्य पालन एवं एक्वेरियम निर्माण योजना से महिलाओं को जोड़ने का प्रयास शुरू किया गया। इसमें महिलाएं दिलचस्पी दिखा रहीं हैं। इससे घर बैठे महिलाओं को रोजगार मिलेगा। अगर आपने घर में एक्वेरियम रखा है तो इससे मानसिक रोगियों, बीपी के मरीजों को लाभ भी पहुंचता है। एक्वेरियम में खगड़िया की देसी रंगीन मछलियों को भी आसानी से पाला जा सकता है। इससे यहां की देसी मछलियों का कारोबार भी बढ़ेगा।
इन आकर्षक मछलियों के दाम की बात करें तो रंगीन मछलियों समेत सामान्य एक्वेरियम का मूल्य 1800 रुपये है। इससे घर बैठे महिलाओं को रोजगार मिलेगा। योजना के तहत मछली व्यवासाय करने पर 40 से 60 प्रतिशत तक अनुदान भी है।