गोपालगंज, जागरण संवाददाता: पुलिस की कार्रवाई व गश्ती वाहन का चोर गिरोह में कोई खौफ नहीं है। तभी तो जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों तक वाहन चोर गिरोह का आतंक है। पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी वाहन चोरी की घटनाओं पर लगाम नहीं लग सकी है। आंकड़ों के अनुसार, जिले में प्रत्येक दिन औसतन एक से दो बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दिया जाता है।
आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2022 के 365 दिनों में 405 बाइक चोरी की घटनाएं हुईं। आंकड़ों की मानें तो अकेले दिसंबर माह में जिले के 29 बाइक चोरी की घटनाएं हुईं। इनमें से 14 बाइक की चोरी नगर थाना क्षेत्र में दर्ज हुई थी। गत वर्ष जनवरी से दिसंबर माह की अवधि में चोरों ने जिले के विभिन्न इलाकों से बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक चारपहिया वाहन भी इस अवधि में चोरी की घटनाएं हुईंं हैं ।
इसके बावजूद पुलिस वाहन चोरी के बढ़ते मामले पर लगाम लगाने की कारगर व्यवस्था नहीं कर सकी है। आंकड़े बताते हैं कि शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में वाहन चोरों की सक्रियता काफी बढ़ गई है। वाहन चोर गिरोह के सदस्य की सक्रियता का आलम यह है कि जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट परिसर में भी खड़े वाहन सुरक्षित नहीं है। कलेक्ट्रेट परिसर से लेकर अस्पताल चौक, पोस्ट आफिस चौक, चिराई घर के आसपास कई वाहनों की चोरी की घटना हो चुकी है।
आंकड़े बताते हैं कि पूरे जिले में गत वर्ष 400 से अधिक वाहनों को चोर उड़ा चुके हैं। दो-चार मामलों को छोड़ अधिकांश मामलों का उद्भेदन कर पाने में पुलिस अबतक विफल रही है। जिला मुख्यालय के साथ ही सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी वाहन चोरी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हद तो यह कि कई वाहन चोरी के मामलों में चोरों का पता लगा पाने में विफल रहने पर पुलिस घटना को सत्य, लेकिन सूत्रहीन बताकर जांच बंद कर दे रही है। ऐसे में कई चोरी के मामले पुलिस की फाइलों में ही दफन होकर रह जाते हैं।
आंकड़े बताते हैं कि जिले में चोरी की गई बाइक से शराब की तस्करी का कार्य भी किया जा रहा है। शराब मामलों में जब्त किए गए कई बाइक चोरी के निकल चुके हैं। शराब के कारोबार में शामिल लोग चोरी की बाइक के सहारे शराब का कारोबार कर खुद को सुरक्षित रखते हैं।
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