Kaimoor Picnic Destination: नए साल पर लीजिए दुर्गावती जलाशय का आनंद, शेरगढ़ किले से दिखता है अद्भुत नजारा



रामपुर, संवाद सूत्र: दुर्गावती जलाशय पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन स्थल बन गया है। नए साल का जश्न मनाने के लिए कैमूर व रोहतास से काफी संख्या में लोगों के यहां पहुंचने की उम्मीद है। दोनों जिले की सीमा पर अवस्थित यह जलाशय अपनी रमणीयता व प्राकृतिक सुंदरता को लेकर पूर्व से ही आकर्षण का केंद्र रहा है।
यहां विशेष उत्सव पर या छुट्टी के दिनों में पिकनिक मनाने काफी संख्या में लोग जुटने लगे हैं। प्रकृति की गोद में बसे जलाशय की धारा और पहाड़ों के सुंदर दृश्य को देख लोग इसकी सुंदरता की प्रशंसा करते नहीं थक रहे हैं। कैमूर व रोहतास जिले के खेतों की सिंचाई के उद्देश्य से निर्मित दुर्गावती जलाशय परियोजना के विकास में ऐसे तो बहुत कार्य हुए, लेकिन यहां आने वाले लोगों के लिए कई सुविधाओं की कमी है। इसका अफसोस यहां आने वाले लोगों को जरूर रहता है। हालांकि अब यहां नौका विहार शुरू कर दिया गया है। इससे अब यहां आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है।

नए साल के अवसर पर जश्न मनाने के लिए तो यहां पूर्व से ही पर्यटकों की भीड़ लगती रही है, लेकिन वर्ष 2014 में उद्घाटन होने के बाद से यहां का नजारा बदल गया है। गत वर्ष भी यहां जिले के कोने-कोने से डीजे, साउंड बाक्स सहित अन्य म्यूजिक सिस्टम के साथ पहुंची युवकों की टोली संगीत की धुनों पर सुबह से लेकर शाम तक धमाल मचाती रही। वहीं, दर्जनों प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी पिकनिक का आनंद लेने पहुंचे थे।

जलाशय पर नव वर्ष के पहले दिन होने वाली भीड़ को देखते हुए प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था चुस्त रखेगा। एक जनवरी को यहां पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबल तैनात रहेंगे। वहीं, चिकित्सा कर्मियों से युक्त एंबुलेंस की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे पिकनिक मनाने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो।
शराबबंदी के बाद पिकनिक स्पाटों पर पुलिस व उत्पाद विभाग की पैनी नजर शराब का सेवक करने वालों पर रहेगी। करमचट थानाध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि इसके लिए पुरुष व महिला पुलिस जवान सादे लिबास में रहेंगे। वहीं गंदगी फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

दुर्गावती जलाशय रोहतास के शेरगढ़ पहाड़ी व कैमूर के करमचट के पास राजादेव टोंगर की पहाड़ी के बीच से निकलने वाली दुर्गावती नदी है। डैम के पूर्वी तट पर रोहतास की सीमा में शेरगढ़ का प्राचीन भूमिगत किला है। वहां से कुछ ही दूरी पर भुड़कुड़ा का प्राचीन किला भी सैकड़ों वर्षों से विद्यमान है। वहां जाने वाले सैलानियों को भ्रमण के लिए पूरा एक दिन भी कम पड़ जा रहा है। शेरगढ़ किले की प्राचीर से दुर्गावती जलाशय का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। यदि सरकार व प्रशासन का सहयोग मिला तो साल दर साल बढ़ रही पर्यटकों की भीड़ आने वाले दिनों में इस स्थल को पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्‍तर पर संंस्‍थापित कर सकती है।

जिले के रामपुर प्रखंड मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर पहाड़ी के बीच दुर्गावती जलाशय है। यहां से सटे सारे गांव के विकास की रफ्तार काफी पीछे है। दुर्गावती जलाशय से लगभग दस किलोमीटर के एरिया में कोई बाजार नहीं है। इसके चलते यहां आने वाले लोगों को खाने-पीने सहित पिकनिक मनाने में आवश्यक सामग्रियों को लेकर ही आना पड़ता है। दुर्गावती जलाशय पर शौचालय पेयजल आदि की सुविधा भी अब तक नहीं हो सकी है। इसके चलते यहां आने वाले लोगों खासकर महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पहाड़ी की गोद में बसे कैमूर जिले की प्राकृतिक सुंदरता काफी मनमोहक है। चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरे इस कैमूर जिले में ऐसे स्थल हैं जिसकी सुंदरता का दीदार करने हर कोई आना चाहता है। इसमें हर किसी के दिल में दुर्गावती जलाशय को देखने की चाहत जरूर पनपती है। यह स्थल वाकई ऐसा है भी, जो यहां एक बार आ जाए वह बार-बार यहां आने का प्रयास करता है।

कैमूर व रोहतास की सीमा पर स्थित दुर्गावती नदी पर बनाए गए दुर्गावती जलाशय की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी है। इस जलाशय को देखने आने वाले लोग कैमूर व रोहतास दोनों जिलों के पर्यटक स्थलों को देखते हैं। इससे यह जलाशय न सिर्फ कैमूर के बल्कि रोहतास की ख्याति को भी बढ़ा रहा है। खासकर पिकनिक मनाने वाले लोगों के बीच यह स्थल काफी लोकप्रिय होने लगा है।
इस जलाशय के निर्माण में कई प्रकार की अड़चने आई, लेकिन 38 वर्ष बाद 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी द्वारा दुर्गावती जलाशय परियोजना का उद्घाटन किया गया। कैमूर व रोहतास के किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए 1976 में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम ने इसकी नींव रखी थी। इसके बाद से यह जलाशय एक राजनीतिक मुद्दा बना और सासाराम संसदीय क्षेत्र में प्रत्येक पार्टी इसी जलाशय को मुद्दा बना कर अपनी नैया पार करने की कोशिश करता रहा। अंतत: इसके उद्घाटन का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को गया।

जिला मुख्यालय से करीब 34 किलोमीटर व रामपुर प्रखंड मुख्यालय से 17 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण कैमूर पहाड़ी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए दो रास्ते हैं। एक सबार भभुआ मुख्य सड़क के बाद दक्षिण के तरह सबार भीतरीबांध जाने वाली पथ से होकर वही दूसरा रोहतास के चेनारी से मल्हीपुर से होकर भी दुर्गावती डैम तक पहुंचा जा सकता है।
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