औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। बिहार से जहन को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। क्योंकि न तो इंसान में अब शर्म बची है और न ही संवेदना.. दया तो बहुत दूर की बात है। जी हां, बिहार के औरंगाबाद से ऐसी ही एक खबर है। यहां एक बुजुर्ग नाली के पानी में गिर गया और डूबने लगा और देखते ही देखते तड़प-तड़पकर उसकी मौत हो गई। इस मंजर को देख रहे वहां मौजूद कुछ बच्चों ने न तो शोर मचाया और न ही किसी को मदद के लिए बुलाया। बल्कि तड़पते बुजुर्ग को देख फोन से तस्वीरें खींचते और वीडियो बनाते रहे। यहां तक कि बुजुर्ग की मौत होने के बाद मौके से भाग खड़े हुए। फिर किसी ने बुजुर्ग को पानी गिरा देखा तो शोर मचाया। जब तक पुलिस पहुंची बुजुर्ग ही नहीं मानवता भी दम तोड़ चुकी थी।
जानकारी के अनुसार, नगर थाना क्षेत्र के बाइपास ओवरब्रिज स्थित एक तालाबनुमा जगह पर नालियों का पानी जाकर जमा होता है। शनिवार सुबह इसी पानी में डूबने से वृद्ध की मौत हो गई। वृद्ध की पहचान टिकरी मोहल्ला निवासी अब्दुल राजा के रूप हुई है। बताया गया कि सुबह के समय वृद्ध अपने घर से टहलने निकले थे।
टहलने के दौरान धुंध छायी हुई थी, ऐसे में कम दिखाई देने की वजह से ओवरब्रिज बाइपास पेट्रोल पंप के पास घरों से निकलने वाले पानी में अचानक गिर गए। इस जगह पर पानी में कादो अधिक होने कारण पैर और चप्पल फंस गए। इसी दौरान वहां पहुंचे कुछ बच्चे शोर मचाने के बजाए मोबाइल से तस्वीर लेने लगे।
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सुबह ठंड अधिक होने के कारण वृद्ध की मौके पर ही तड़प-तड़पकर मौत हो गई। जब मौत हो गई तब बच्चे अपने-अपने घरों को भाग गए। पास के लोगों ने जब वृद्ध को पानी में गिरा देखा तो शोर मचाया। घटना की सूचना पर नगर थाना पुलिस पहुंची तब तक मौत हो चुकी थी। पुलिस ने पानी से शव को बाहर निकाला और कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा।
उधर, काफी देर तक जब वृद्ध अपने घर नहीं पहुंचे तो परिजन खोजबीन करने लगे। इस बीच एक वृद्ध का शव मिलने की सूचना पर सदर अस्पताल पहुंचे और पहचान की। नगर थानाध्यक्ष सतीश बिहारी शरण ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजन को सौंप दिया गया है। मामले में स्वजन के द्वारा यूडी केस कराया गया है।
स्वजन ने बताया कि घर से टहलने के लिए निकले थे। बाइपास के पास नाले के पानी में गिरने से मौत हुई है। स्वजन के अनुसार अगर पास के लोगों ने शोर मचाया होता या फिर पानी से बाहर निकाल दिया होता तो बुजुर्ग की जान बच सकती थी। उधर, पुलिस अधिकारियों का कहना था कि ऐसी घटना में मानवता दिखाई जाती तो जान बच सकती थी।