बिहार के सीओ ने शेरशाह के बेटे सलीम के मकबरा तालाब की दूसरों के नाम कर दी जमाबंदी, जांच में खुली कलाई



जागरण टीम, सासाराम (रोहतास)-बरौली (गोपालगंज)- राजगीर (नालंदा) : हाईकोर्ट द्वारा सासाराम सदर अंचल कार्यालय की अनियमितताओं की जांच के आदेश के दूसरे दिन सीओ ने अपने सरकारी आवास से जमीन संबंधी दस्तावेज चोरी जाने की प्राथमिकी करा भरमाने का प्रयास किया परंतु उनकी कलई खुलने लगी है। पता चला है कि सीओ राकेश कुमार ने जिला मुख्यालय स्थित तकिया मोहल्ले में शेरशाह सूरी के बेटे सलीम शाह सूरी के ऐतिहासिक मकबरा तालाब के हिस्से की जमाबंदी कई लोगों के नाम कर दी है। इसके बाद वे लोग तालाब को मिट्टी से भरकर दखल कब्जा भी शुरू कर दिए हैं। मामला संज्ञान में आते डीएम धर्मेंद्र कुमार ने दो सदस्यीय टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं। जांच टीम में नगर आयुक्त व भूमि सुधार उप समाहर्ता को शामिल किया गया है। 






यह तालाब तीन एकड़ 83 डिसमिल में फैला है। राज्य सरकार ने इसे धरोहर की श्रेणी में शामिल किया है तथा सरकार के खाता संख्या 26 के तहत किस्म भूमि में दर्ज है। खुद सीओ भी स्वीकार कर रहे हैं कि पूर्व में इस भूमि की जमाबंदी कई लोगों के नाम पर की गई है। एडीएम चंद्रशेखर ने बताया कि ऐतिहासिक भूमि की जमाबंदी करना काफी गंभीर मामला है। सीओ के सभी कार्यों की जांच कराई जाएगी। यदि दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 
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राजगीर डीसीएलआर संजय कुमार ने संदेह होने पर अंचल के कार्यों की जांच की थी। जब पुरातत्व विभाग, रेलवे व जिला परिषद की जमीन की दूसरे के नाम जमाबंदी के पुख्ता प्रमाण मिल गए तो सीओ संतोष चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा डीएम से कर दी। डीएम शशांक शुभंकर ने मंगलवार को राजगीर अंचल कार्यालय के दो राजस्व कर्मी को निलंबित कर दिया तथा एक संविदा कर्मी को बर्खास्त कर दिया। वहीं सीओ के खिलाफ प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा कर दी। अभी भी सीओ अपने पद पर जमे हैं। वहीं जिलास्तर पर डीएम ने सीओ की अन्य करतूतों की जांच को टीम भी गठित नहीं की है। सारा दारोमदार राज्य मुख्यालय स्तर से होने पर कार्रवाई पर है।    

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