संवाद सूत्र, उदाकिशुनगंज (मधेपुरा) : उदाकिशुनगंज प्रखंड पंचायत समिति सदस्यों की बैठक शनिवार को बुलाई गई थी। कुछ सदस्य सदन से अनुपस्थित रहे, जबकि कुछ सदस्यों ने सदन में हंगामा मचाया। अधिकांश सदस्य सदन की कार्रवाई का विरोध जताते हुए बाहर निकल लिए। सदस्यों के बहिष्कार किए जाने की वजह से बैठक की कार्यवाही पूरी नहीं हो पाई। उसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी ने बैठक स्थगित होने की घोषणा की। दूसरी बार की बैठक के लिए जल्द समय निर्धारित करने की जानकारी दी गई है। माना जा रहा है कि प्रमुख और पंचायत राज पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी के बीच तकरार की वजह से बैठक में सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। बैठक नहीं होने की वजह से जनकांक्षा पूरी नहीं हो पाई। लोगों का मानना है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी के बीच तालमेल नहीं होना जनहित के लिए बड़ा घातक है।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को पंचायत समिति की सामान्य बैठक बुलाई गई थी। इसमें विकासात्मक चर्चा के साथ योजनाओं का चयन और गत बैठक की संपुष्टि की जानी थी, लेकिन बैठक की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष पूजा कुमारी ने इस मुद्दे को उठाया कि आखिर दो के बजाय आठ माह में बैठक कैसे बुलाई गई, जबकि नियमानुसार प्रत्येक दो माह पर बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि वह भी जनप्रतिनिधि है। लोगों ने बड़े उम्मीद के साथ जनप्रतिनिधि बनाया। लोगों के उम्मीद पर खरा उतरना जनप्रतिनिधियों का दायित्व है। बैठक में लोगों की बात रखी जाती है। ताकि समस्या का समाधान हो सके। योजना का चयन करना होता है। जब लंबे समय पर बैठक होंगे तो लोगों की बात को कैसे रख पाएंगे। इस बात का समर्थन अन्य सदस्यों ने भी किया। पूर्व प्रमुख व वर्तमान पंचायत समिति सदस्य विकासचंद्र यादव ने भी लंबे अंतराल पर बैठक होने पर नाराजगी जताई। बैठक के दौरान पंचायत राज पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी जयजय राम यादव ने आक्रोशित सदस्यों को शांत करते दिखे। बैठक बुलाने को लेकर पत्र जारी किया गया, लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी ने बैठक नहीं बुलाई। शनिवार को बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी ने पहले के रजिस्टर को बदल रखा था, जबकि पहले के रजिस्टर की मांग की गई तो कार्यपालक पदाधिकारी ने रजिस्टर में छेड़छाड़ होने की बात बताई। पूरा मामला प्रतिष्ठा को धूमिल करने है। लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते सबकुछ चुपचाप बैठकर सहन नहीं करने वाली हूं।
-अनोखा कुमारी, प्रमुख, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा