आरएसएस स्वयं सेवकों ने मनाया रक्षाबंधन उत्सव
संवाद सूत्र, रामगढ़: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित जांच व स्वास्थ्य शिविर के दौरान रक्षाबंधन उत्सव भी मनाया गया। खोरहरा गांव की नट बस्ती में इस मौके पर ग्रामीणों ने भगवा ध्वज को नमन किया। भारत माता की जयघोष व वंदेमातरम की गूंज के बीच एक दूसरे को रक्षा सूत्र बांधा और भारतीय संस्कृति के सूत्रों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लिया। इस मौके पर संघ के काशी प्रांत के शारीरिक शिक्षा प्रमुख राजन ने रक्षाबंधन का महत्व समझाया। कहा कि हम हिन्दू थे हैं और सनातन संस्कृति तक हम हिन्दू रहेंगे। इस दौरान भारत माता व वंदेमातरम का जयघोष भी हुआ। उन्होंने कहा कि पाताल लोक के राजा दानवीर बलि ने तपस्या से भगवान विष्णु से वरदान प्राप्त किया। इस वरदान से भगवान विष्णु पाताल लोक में बंधक बन गये। तब जगत कल्याण के लिए माता लक्ष्मी ने बलि को रक्षा बांध उपहार में भगवान विष्णु को पाताल लोक से मुक्त करा लिया। इसके अलावा उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की अंगुली कटने के दौरान द्रौपदी द्वारा साड़ी का पल्लू फाड़ बांधने की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि जब द्रौपदी का चीरहरण हुआ तो श्री कृष्ण ने उसी प्रेम के बंधन के वशीभूत हो द्रौपदी की लाज बचाई। उन्होंने अन्य कथाओं के माध्यम से युवाओं व बच्चों से कहा कि माता पिता और बड़ों का सुबह जागते ही अभिवादन करना चाहिए। हमारी रक्षा और पालन पोषण के देवता हैं माता पिता। इनसे बढ़कर कोई नहीं। रक्षाबंधन उत्सव में आरएसएस के जिला कार्यवाह वीरेन्द्र तिवारी, जिला सेवा प्रमुख रविन्द्र पांडेय, जिला शारीरिक प्रमुख चंद्रशेखर सिंह, बस्ती के मदन कुमार , मुन्ना नट, गोपाल नट, संजय नट सहित कई थे।