46 घंटा बाद गंगा नदी में डूबे युवक का शव हुआ बरामद
रामगढ़: त्रयोदशी तिथि को बाबा बैजनाथ धाम में जलाभिषेक करने के लिए गंगाजल लाने गया युवक गंगा नदी में स्नान करने के दौरान डूब गया था। उक्त युवक आकाश का शव 46 घंटा बाद बरामद हुआ। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की संयुक्त कार्रवाई के बाद भी गंगा नदी में डूबे युवक को बरामद नहीं किया जा सका था और निराशा ही हाथ लगी थी। लेकिन परिजन पूरी रात जमानियां क्षेत्र में गंगा के तट पर घूमते रहे। जमानियां गंगा पुल के पास युवक का शव उतराता हुआ देख नाविकों ने उसे किनारे लगाया। जैसे ही चकाबांध घाट के समीप शव ढूंढ रहे स्वजनों को इसकी सूचना मिली उनके होश उड़ गए। एकाएक माहौल गमगीन हो गया। देवहलियां बाजार में भी मातम पसर गया। घर परिवार के सदस्यों का रो रोकर बुरा हाल हो रहा था। शव मिलते ही यूपी की जमानियां पुलिस प्रशासन द्वारा पोस्टमार्टम कराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
बता दें कि रामगढ़ प्रखंड के मसाढ़ी पंचायत के बैजनाथ धाम स्थित शिवलिंग पर त्रयोदशी तिथि को जलाभिषेक करने का खास महत्व होता है। उसी को देखते हुए इलाके के लोग यूपी के जमानियां गंगा स्नान करने मंगलवार की रात गए थे। बुधवार की भोर में तीन बजे के करीब स्नान करने के बाद डिब्बा में जल भरने के दौरान डूब गया। गंगा किनारे मौजूद अन्य लोगों ने आकाश के डूबने की सूचना पर हो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। तबतक खेल खत्म हो चुका था। सभी कांवरिया जलाभिषेक करने बैजनाथ धाम आने की बजाय जमानियां में उफनाती गंगा में साथी का शव ढूंढने में लग गए। दिनभर शव को ढूंढने में समय बीत गया। जमानियां के एसडीएम की पहल पर एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की संयुक्त कार्रवाई के बाद शव ढूंढ़ा नहीं जा सका। लेकिन स्वजन आश में कैसे छोड़कर हटे। बिना अन्न पानी के गांव व परिवार के लोग दिन रात जमानियां में डेरा जमाए रहे। लेकिन जब आकाश का शव फुला तभी उतराया और स्वजनों को शव सौंपा गया। इस हादसे के बाद घर परिवार के अलावा देवहलिया में रक्षाबंधन पर्व फीका पड़ गया।
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भाई की कलाई पर राखी बांधने का अरमान रह गया अधूरा
रक्षाबंधन का त्योहार ही ऐसा पर्व है जिसमें बहने बाहर रहे या घर वे भाई की कलाई पर राखी बांधने पहुंचती है या फिर वे आने में असमर्थ होती हैं तो राखी भेंजती है। जिसमें भाई व बहन का अटूट प्रेम दिखता है। भाई की लंबी उम्र की कामना होती है। लेकिन किरण व सोनाक्षी के अरमान पर ईश्वर ने पानी फेर दिया। आशीष व आकाश दोनों भाइयों की कलाई पर राखी बांधने की तैयारी अधूरी रह गई। छोटे भाई आकाश के गंगा नदी में डूबने से मौत ने स्वजनों का ताना बाना ही छिन्न भिन्न कर दिया। आरती व गीत मंगल की जगह चीख पुकार शुरू हो गया। मां शर्मिला देवी भी रो रोकर गिर जा रही है। घर मातमपुर्सी करने पहुंचने वाले लोग सांत्वना देने की बजाय खुद ही आंसू गिरा रहे हैं।