अरवल के तीन प्रसिद्ध मंदिर बनेंगे पर्यटन स्थल
अरवल : प्रकृति ने अरवल जिले को प्राकृतिक, धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों से मालामाल रखा है।
किसी भी जिले के पर्यटन के विकास में यही तीनों आयाम आवश्यक होते हैं, जो इस जिले को प्राप्त है। जिले के मध्य और पश्चिम से पुनपुन व सोन नदी गुजरती है, जो प्राकृतिक सुंदरता बिखेरती है। नदी किनारे सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर आज भी विद्यमान हैं। इसके अलावा भी अनेक रमणीक स्थल हैं जो पर्यटन के विकास के लिए अनमोल स्रोत कहे जाते हैं। बिहार सरकार के निर्देश पर राज्य पर्यटन विकास निगम ने जिले में पर्यटन को पंख लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसपर काम प्रारंभ हो गया है। यहां के तीन ऐतिहासिक मंदिर अब नए कलेवर में दिखाई देंगे। मंदिरों को पर्यटन की दृष्टि से संवारकर बाहर के पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना तैयार की गई है। ताकि लोग यहां घूमने के लिए आएं और सरकार की आय के नए स्रोत उत्पन्न हो सकें। क्षेत्रीय लोगों को भी रोजगार के साधन उपलब्ध हो सके। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के निर्देश पर पटना से आई आर्किटेक्ट की टीम ने जिले का दौरा किया है। तीन धार्मिक स्थलों का चयन पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए किया गया है। जिला मुख्यालय स्थित जनकपुर धाम, मेहंदिया इलाके में ऐतिहासिक मधुश्रवां धाम मंदिर और कुर्था प्रखंड के सती स्थान लारी गढ़ को चिन्हित किया गया है। स्थानीय विधायक महानंद सिंह और जिला प्रशासन के अनुरोध पर सरकार ने इस दिशा में पहल तेज कर दी है। टीम में शामिल सुमित सिंह, संतोष कुमार ने बताया कि करीब नौ करोड़ की लागत से तीनों ऐतिहासिक मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका डीपीआर तैयार किया जा रहा है। इन जगहों के सौंदर्यीकरण के अलावे सोन नदी में नौका विहार के लिए वोट चलाने की योजना है। जनकपुर धाम, जहां विभिन्न विशेषताओं का संगम है, सोन नदी के किनारे पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। विश्व प्रसिद्ध च्यवन ऋषि की तपोभूमि मधुश्रवां व कुर्था के सती स्थान को लेकर प्रचलित लारी गढ़ में पर्यटन से रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। वह दिन दूर नहीं जब पर्यटक यहां के पर्यटन स्थलों की सैर करने पहुंचेंगे। अरवल के लिए यह बड़ी सौगात होगी। यहां आने वाले पर्यटकों को जिला प्रशासन सभी तरह की मदद देगी। इसके लिए अरवल जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। यहां चहारदिवारी, यात्री शेड, वाचनालय, पार्क स्थल, मैरिज हॉल, अतिथि साला एवं शौचालय आदि का भी निर्माण कराया जाएगा।