बिहार के भागलपुर जिले के थाना बिहपुर में स्थित सोनवर्षा मां भगवती देवी मंदिर में हर साल नागपंचमी के दिन भव्य मेला लगता है। ऐसी मान्यता है कि यहां रखा नीर पीने से सांप का जहर भी बेअसर हो जाता है। जिले के बिहपुर दक्षिण पंचायत के सोनवर्षा गांव में स्थित बड़ी भगवती मंदिर में सर्पदंश से पीड़ित लोग आते हैं। मान्यता है कि यहां आकर सांप द्वारा काटे गए लोगों को जीवन दान मिल जाता है। हर साल नागपंचमी के दिन यहां भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से आए श्रद्धालु शामिल होते हैं।
सोनवर्षा के बड़ी भगवती मंदिर का इतिहास करीब सौ साल पुराना है। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ईश्वर और सचिव जीवन चौधरी के मुताबिक यह गांव पहले कोसी दियारा में बसा था। तब से गांव में यह मंदिर था। गंगा नदी का कटाव होने के बाद गांव के लोग यहां आकर बस गए। उसके बाद फिर से मंदिर बनाया गया। पहले यह मंदिर घास-फूस का था, मगर बाद में ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा करके पक्के मंदिर का निर्माण कराया।
मंदिर के नीर से सांप का जहर भी हो जाता है बेअसर
सोनवर्षा के बड़ी भगवती मंदिर के प्रति इलाके के लोगों में बड़ी आस्था है। माना जाता है कि मंदिर में सांप से कटे हुए लोगों को भी जीवन दान मिल जाता है। जो भी भक्त सच्चे मन से मां के दरबार में आकर उनके चरण में रखे नीर को पी लेता है, तो सांप का जहर बेअसर हो जाता है।
नाग पंचमी पर लगता है भव्य मेला
बड़ी भगवती मंदिर के पुजारी राधाकांत झा के मुताबिक हर साल सावन महीने में नागपंचमी के दिन यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। उस दिन बकरे की बलि दी जाती है। कई परिवार अपने बच्चों का मुंडन करवाने यहां आते हैं। इस साल भी दो अगस्त को यहां मेले का आयोजन होगा। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
Source - Hindustan News