जागरण संवाददाता, मधेपुरा : जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं है। अस्पतालों को तो अपग्रेड कर दिया गया लेकिन चिकित्सक की संख्या नहीं बढ़ी। जिले के 416 अस्पताल 111 चिकित्सकों के भरोसे चल रहा है। सामान्य चिकित्सक के 195 स्वीकृत पद के स्थान पर 95 चिकित्सक पदस्थापित हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक के स्वीकृत 93 पद के स्थान पर 16 पदस्थापित है। ऐसी स्थिति में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की बात बेइमानी साबित हो रही है। चिकित्सक की कमी से जूझ रहे अस्पतालों पर से लोगों का भरोसा उठने लगा है।जानकारी हो कि जिले के सरकारी अस्पतालों में पहले की व्यवस्था में सुधार जरूर हुआ है। लेकिन आमलोग जो सुधार की अपेक्षा कर रहे थे, वह होता नही दिख रहा है। आज सरकार के द्वारा बड़े-बड़े अस्पताल भवन जरूर बनाए जा रहे हैं। परंतु उस अस्पताल भवन में जो सुविधा उपलब्ध होना चाहिए वह उपलब्ध नहीं है। जिले के अस्पतालों में सामान्य चिकित्सक की कमी तो है ही खासकर विशेषज्ञ चिकित्सक की घोर कमी है। लिहाजा विशेषज्ञ चिकित्सक के अभाव में मरीजों को बाहर रेफर कर दिया जाता है। प्रखंड के अस्पतालों की बात तो दूर सदर अस्पताल की स्थिति यह है कि अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ, इएनटी रोग विशेषज्ञ, मानसिक रोग विशेषज्ञ, चर्म रोग विशेषज्ञ सहित कई विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सक का पद खाली पड़ा हुआ है। संबंधित विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने के कारण मरीजों को बाहर रेफर कर दिया जाता है।
जिले में चिकित्सक के स्वीकृत पद : पदस्थापित
सामान्य चिकित्सक : 194 : 95
विशेषज्ञ चिकित्सक : 93 : 16
जिले में अस्पतालों की स्थिति सदर अस्पताल : 01
अनुमंडल अस्पताल : 01 सीएचसी : 08 पीएचसी : 05 एपीएचसी : 39 स्वास्थ्य उपकेंद्र : 362
अस्पताल की संख्या के अनुपात में चिकित्सक की जरूर कमी है। खासकर विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी से बहुत से कार्य प्रभावित हो रहा है। चिकित्सक व विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी को दूर करने को लेकर विभाग को कई बार पत्र लिखा गया है। डा. अब्दुस सलाम
प्रभारी सिविल सर्जन, मधेपुरा