मधुबनी । सरकारी अभिलेख गायब करने के मामले में लौकही के पूर्व प्रभारी लिपिक परमेश्वर महतो पूरी तरह फंस चुके हैं। इनके विरुद्ध लगाए गए आरोप पुलिस के अनुसंधान में सत्य पाए गए हैं। अब पुलिस अधीक्षक ने इनके विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति के लिए जिला दंडाधिकारी को पत्र भेजा है। अनुमति मिलते ही इन पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। इनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। वर्तमान में परमेश्वर महतो बासोपट्टी प्रखंड कार्यालय में पदस्थापित हैं।
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68 सरकारी अभिलेख गायब करने का आरोप :
लौकही प्रखंड के तत्कालीन प्रभारी लिपिक परमेश्वर महतो पर आरोप है कि उन्होंने 68 सरकारी अभिलेख लौकही प्रखंड कार्यालय से गायब कर दिए। इस मामले में लौकही के बीडीओ ने छह अगस्त 2020 को लौकही थाना में इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी के अनुसार परमेश्वर महतो लौकही प्रखंड में पदस्थापन के दौरान बनगामा उत्तरी पंचायत के इंदिरा आवास के संचिका के प्रभार में भी थे। वर्ष 2004-05 के 28 एवं वर्ष 2005-06 के 40 समेत कुल 68 सरकारी अभिलेख गायब करने का इन पर आरोप है। इसी आरोप में इनपर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। यह प्राथमिकी लोकायुक्त, डीएम व डीडीसी के आदेश पर दर्ज कराई गई थी। परमेश्वर महतो नगर थाना क्षेत्र स्थित मधुबनी शहर में नोनिया टोली, सूरतगंज के रहने वाले हैं।
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पर्यवेक्षण व अनुसंधान में सत्य सिद्ध हुए आरोप :
पर्यवेक्षण एवं अनुसंधान में परमेश्वर महतो के विरुद्ध दर्ज कांड सत्य पाया गया। इसके बाद परमेश्वर महतो के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृत्यादेश के लिए कांड के अनुसंधानकर्ता संजीत राम ने पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया। परमेश्वर महतो को गिरफ्तार करने की भी आवश्यकता जताई। इस आलोक में पुलिस अधीक्षक ने जिला दंडाधिकारी को पत्र भेजकर लौकही प्रखंड के तत्कालीन प्रभारी लिपिक परमेश्वर महतो के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति देने का अनुरोध किया है, ताकि अग्रेतर कार्रवाई की जा सके।