जागरण संवाददाता, जहानाबाद।
धान रोपनी को लेकर किसान मोटर पंप के सहारे खेतों को सिचित कर रहे हैं। वर्षा नहीं होने के कारण खेत सूख जा रहे हैं। सूर्याेदय होते ही कड़ाके की धूप निकल जा रही है। खेत पर पहुंचते ही किसान मायूस हो जा रहे हैं। अब तक जिले में 3.88 हेक्टेयर में धानी की रोपनी हुई। खेतों में पानी नहीं ठहरने के कारण रोपे गए धान भी मुरझा जा रहे हैं। मानसून आने के बाद भी वर्षा नहीं होने पर रोपनी कार्य प्रभावित हो रहा है। जून माह में 122.30 मिमी वर्षा होनी चाहिए था। लेकिन मात्र 34.79 मिमी ही पूरे जिले में औसतन वर्षा हो सकी। किसानों द्वारा धान के बिचड़े बचाने के लिए मोटर पंप चला रहे हैं, लेकिन अब भूगर्भ जल स्तर भी नीचे जा रहा है। ग्रामीण इलाके अधिकांश हैंडपंप पानी उगना बंद कर दिया है।
कृषि विभाग द्वारा 48 हजार 246 हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य तय किया गया है। किसान 48 सौ हेक्टेयर में बिचड़ा भी लगा चुके हैं। पान के अभाव में बिचड़ा सूख रहा है। कृषि पदाधिकारी संजय कुमार ने कहा कि किसान धान के अलावा दूसरे फसल भी लगाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सही रहे। उन्होंने कहा कि उंचे खेतों में अरहर,मडुआ, ज्वार, उरद,मक्का तथा सोयाबीन के खेती कर सकते हैं। किसानों को अनुदानित दर पर बिचड़ा भी उपलब्ध कराया गया है। सामान्य से 88 प्रतिशत कम हुई वर्षा
अब तक पूरे जिले में 34.76 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 87.54 प्रतिशत कम है। सदर प्रखंड में 82 जबकि मोदगंज में 5.8 मिमी वर्षा हुई है। वर्षा कम होने से किसान चितित नजर आ रहे है।