संवाद सूत्र, कुमारखंड (मधेपुरा): प्रखंड क्षेत्र में करोड़ों खर्च के बाद भी क्षेत्र के लोगों को स्वच्छ जल अब तक नहीं मिल पाया है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। सरकार द्वारा लगातार सभी लोगों स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। इसको लेकर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद इसके जमीनी स्तर पर योजना खोखली साबित हो रही है। प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में पीएचईडी द्वारा लगाया गया जलमीनार शोभा की वस्तु साबित हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, प्रखंड की 21 पंचायतों के 287 वार्डों में पीएचईडी द्वारा 305 जलमीनार का निर्माण करवाया गया, लेकिन इतनी ज्यादा संख्या में जलमीनार लगाए जाने के बाद भी अब तक लोगों को एक बूंद पानी नहीं मिल पाया है। बताते चलें कि पीएचईडी द्वारा कुमारखंड, श्रीनगरा व पुरैनी पंचायतों में बड़े जल मीनारों के साथ साथ 40 सौर ऊर्जा चलित मिनी जलआपूर्ति केंद्र व प्रखंड के सभी 287 वार्डों में 305 जलमीनारों का निर्माण कार्य कराया गया। विभाग के द्वारा 24 से 25 लाख के बजट होने के बाद निर्माण कार्य में अनियमितता बरती गई। इसी का परिणाम है कि अब तक लोगों के घर में स्वच्छ जल नहीं पहुंच पाया है। स्वच्छ जल लोगों तक नहीं पहुंच पाने के पुरैनी गांव निवासी मु. सद्दाम, विनोद मंडल, अशोक यादव, मंगरवारा के मु. शब्बीर, राजदेव यादव सहित अन्य ने बताया कि निर्माण कार्य के एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंच पाया है। इसको लेकर लोगों के द्वारा लगातार शिकायत की जाती है, लेकिन विभाग की लापरवाह रवैये का आलम ये है कि शिकायत को सुनने तक के लिए अधिकारी तैयार नहीं है। विभाग के लापरवाह रवैये को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि जल्द इस ओर पहल नहीं किया गया तो आगे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा।