संवाद सहयोगी, लखीसराय : सामुदायिक स्तर पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को इलाज कराने में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना काफी लाभकारी है। इसके माध्यम से ऐसे मरीजों को इलाज के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है, जो आर्थिक समस्या के कारण अपना इलाज कराने में असमर्थ हैं। इस योजना का लाभ लेने वाले मरीजों की वार्षिक आय एक लाख रुपये के अंदर होना जरूरी है। सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया की सरकार द्वारा इस योजना के तहत कैंसर, हृदय रोग, किडनी की बीमारी, ब्रेन ट्यूमर, एड्स, कूल्हा एवं घुटना प्रत्यारोपण, स्पाइनल सर्जरी, मेजर वैस्कुलर सर्जरी और बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए अलग-अलग सहायता राशि दी जाती है। इसके अलावा भी अन्य रोगों को मान्य करने के लिए निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित अधिकृत समिति द्वारा निर्णय लिया जाता है। असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को दी जानेवाली सहायता राशि संबंधित चिकित्सा संस्थान को क्रास चेक के माध्यम से दी जाती है। ----
जानें, कैसे मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष योजना का लाभ लेने के लिए मरीजों (आवेदक) को इलाज कराने वाले स्वास्थ्य सस्थानों के सभी कागजातों के साथ निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, बिहार को अनुदान के लिए आवेदन समर्पित करना होगा। निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा आवेदक को निर्धारित तिथि को बुलाया जाएगा। मरीजों द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए कागजातों और साक्ष्यों की जांच के बाद अनुदान की राशि जारी कर दी जाएगी। राज्य के अंदर इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अलग राशि निर्धारित है जबकि राज्य के बाहर इलाज करानेवालों के लिए अलग दर निर्धारित है। एक प्रकार के रोग में अलग-अलग इलाज के लिए भी भिन्न भिन्न राशि निर्धारित की गयी है। ---
योजना के तहत निर्धारित की गई सहायता राशि
कैंसर - 20 हजार से 60 हजार रुपये तक। हृदय रोग - 25 हजार से एक लाख 30 हजार रुपये तक। किडनी रोग - डेढ़ लाख रुपये तक। ब्रेन ट्यूमर - 15 हजार से 25 हजार रुपये तक। एड्स - 50 हजार रुपये तक। कूल्हा व घुटना प्रत्यारोपण - 15 हजार से 20 हजार रुपये । स्पाइनल सर्जरी - 10 हजार से 15 हजार रुपये तक। मेजर वैस्कुलर सर्जरी - 20 से 25 हजार रुपये तक। बोनमैरो ट्रांसप्लांट - 25 हजार रुपये।