संसू, नवहट्टा (सहरसा) : ग्रीष्मावकाश के बाद बुधवार को प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय खुल गया। पहले ही दिन अधिकांश स्कूलों में बच्चे गायब रहे, जहां बच्चे पहुंचे हैं तो लेकिन संख्या नाममात्र ही रही। साफ-सफाई के साथ शिक्षकों को खुद ही घर जाकर बच्चों को बुलाना पड़ा। जहां बच्चे पहुंचे। वहां शैक्षिक गतिविधियां शुरू हो गई।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय संथाल टोला शिक्षक पहुंचे लेकिन उन्हें भी देर तक बच्चों के आने का इंतजार करना पड़ा। उत्क्रमित मध्य विद्यालय नवहट्टा के शिक्षकों ने भी गांव में जाकर अभिभावकों को स्कूल खुलने की जानकारी के साथ बच्चों को भेजने के लिए संपर्क शुरू किया। पहला दिन था तो शिक्षकों ने साफ-सफाई तथा मिड-डे मील के लिए रसोई की तैयारी भी करवाया। प्रधानाध्यापक बंदे पासवान ने बताया कि ग्रीष्मावकाश के समय बच्चों को स्कूल खोलने की जानकारी दी गई, लेकिन पहला दिन औपचारिक ही रहा। नवहट्टा कन्या मध्य विद्यालय में शिक्षकों के प्रयास से काफी बच्चे पहुंचे। प्रधानाध्यापक संजय कुमार वर्मा के अनुसार जागरूक अभिभावकों के प्रयास से बच्चे पहुंचे, रसोई का चूल्हा भी सुलग गया।
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स्कूल में लौटी रौनक
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ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूलों का पहला दिन कहीं रौनक भरा तो कहीं सन्नाटे जैसा रहा। 28 मई को स्कूल में अवकाश घोषित किया गया 22 जून को स्कूल खुला। लगभग 24 दिन तक बच्चे अपने घर और रिश्तेदारी में मस्ती करते रहे। संथाली टोला स्कूल की बच्ची अलका कुमारी ने बताया कि स्कूल में दिए गए होमवर्क के साथ ही खूब मौज मस्ती किया। अब पढ़ाई में मन लगाना है। नवहट्टा स्कूल के छात्र सागर कुमार, मनोज कुमार, गीता कुमारी ने स्कूल के पहले दिन की जमकर तारीफ की। बच्चों ने कहा कि मौसम भी पढ़ाई के अनुकूल हो गया है।