मधुबनी । मिथिला पेटिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध मधुबनी शहर की सुंदरता बढ़ाने के लिए जिला सौंदर्यीकरण कार्यक्रम के तहत वर्ष 2019 में शहर के कोतवाली चौक से जितवारपुर तक की सरकारी, गैर सरकारी दीवारों पर मिथिला पेंटिंग बनाई गई। एक साल में दीवारों पर पेंटिंग बनाने का काम पूरा हुआ। इसके बाद करीब एक दर्जन सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर भी पेंटिंग बनाई गई, लेकिन महज दो साल के भीतर ही इन दीवारों की पेंटिंग बदरंग हो गई। अब वहां पेंटिंग नजर नहीं आ रही। इतना ही नहीं, कोतवाली चौक से थाना चौक तक केनाल निर्माण के दौरान पेटिंग वाली कई दीवारें ध्वस्त हो गई हैं। स्टेशन पर भी धुंधली होती पेंटिंग को आकर्षक रूप देने की जरूरत है। 300 भवनों की दीवारों पर उकेरी गई पेंटिंग
कोतवाली चौक से स्टेशन चौक, शकर चौक, लहेरियागंज होकर जितवारपुर तक करीब 300 सरकारी, गैर सरकारी भवनों की दीवारों पर पेंटिंग की दी गई थी। इनमें जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सदर एसडीओ, डीएसपी सहित पदाधिकारियों के आवासीय परिसर की दीवारें शामिल हैं। दीवारों पर पेटिंग निर्माण की जिला प्रशासन की पहल काफी चर्चा में रही। 60 राज्य पुरस्कार प्राप्त कलाकार हुए थे शामिल
इस काम के लिए स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करने की पहल को काफी सराहा गया था। इस कार्य के लिए जिले के 200 कलाकारों का चयन किया गया। जिसमें अनीता देवी, कुमकुम देवी, आशा देवी, दिलीप पासवान, शिव कुमार पासवान, रंजन पासवान राकेश पासवान सहित करीब 60 राज्य पुरस्कार प्राप्त तथा शेष कलाकारों में अमित कुमार झा, सुधीरा देवी, अलखा देवी, शीलानाथ झा, राखी देवी, प्रमिला देवी, चंद्रकला देवी, मनीष कुमार झा, रामचरित पासवान, पूनम देवी सहित कलाकारों को शामिल किया गया था। सरकारी, गैर सरकारी भवनों की दीवारों को पेटिंग से सजाने-संवारने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से राज्य पुरस्कार प्राप्त कलाकारों को 600 रुपये तथा शेष कलाकारों को 300 रुपये का भुगतान किया गया। प्रति कलाकारों को पेंट-ब्रश के लिए अलग से एक हजार रुपये का भुगतान किया गया था। दीवारों के निर्माण बाद होगी पेंटिंग बनाने की पहल
समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने मार्च में मधुबनी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान स्टेशन के कई हिस्सों में बदरंग हो चुके पेंटिंग को ठीक करने के निर्देश दिए थे। सदर एसडीओ अश्विनी कुमार ने बताया कि केनाल निर्माण के दौरान टूटी दीवारों का फिर से निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उसपर फिर से मिथिला पेंटिंग बनाने की पहल की जाएगी।