फर्जी शिक्षक पर शिक्षा विभाग मेहरबान, दोबारा मिली नौकरी

संवाद सहयोगी, लखीसराय : जिले में शिक्षा विभाग के पदाधिकारी अपनी विशेष कार्यशैली और कारगुजारियों से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। इस विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं। लोगों के बीच एक धारणा है कि यहां पैसे के बल पर कोई भी काम आसानी से करा लिया जा सकता है। इसी तरह का एक मामला जिले के हलसी प्रखंड की कैंदी पंचायत का उजागर हुआ है। एक फर्जी शिक्षक (सेवा से मुक्त) पर शिक्षा पदाधिकारियों ने दरियादिली दिखाते हुए फिर से योगदान कराया है। हालांकि जिले के जिम्मेदार पदाधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए सारा ठीकरा हलसी के प्रभारी बीईओ विनोद कुमार साह पर फोड़ रहे हैं। उधर डीईओ विमलेश कुमार चौधरी ने डीपीओ स्थापना गोपाल कृष्ण से फर्जी शिक्षक मौलेश्वरी राम के पुन: नियोजन पर स्पष्टीकरण मांगा। फिर डीपीओ स्थापना ने डीईओ को पत्र भेजकर कहा है कि वे इससे अनजान हैं। उन्होंने मौलेश्वरी राम के योगदान से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया है। कैंदी पंचायत के 12 फर्जी शिक्षकों पर दर्ज हुआ था केस


13 अगस्त 2020 को शिक्षा विभाग के तत्कालीन डीपीओ स्थापना ने लखीसराय थाने में कैंदी पंचायत के 12 फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध केस दर्ज कराया था। दर्ज केस में मौलेश्वरी राम सहित सभी 12 शिक्षकों पर गलत तरीके से वेतन मद में 1,76,928 का राशि गबन करने का भी आरोप लगा था। इस केस की पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ की फर्जी शिक्षक मौलेश्वरी राम ने तत्कालीन डीपीओ स्थापना शिवचंद्र बैठा और स्थापना शाखा के तत्कालीन लिपिक पंकज मिश्रा से घालमेल कर सभी फर्जी शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान का आदेश करवाया था। जबकि इस केस में तत्कालीन एसपी सुशील कुमार ने भी अपनी पर्यवेक्षण रिपोर्ट में सभी फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। साथ ही डीपीओ शिवचंद्र बैठा को भी अप्राथमिकी आरोपित बनाया था। ---
आवेदन की जांच पड़ताल के बिना करा दिया योगदान
मौलेश्वरी राम ने 27 अप्रैल 22 को डीएम को एक आवेदन देकर दोबारा योगदान कराने की गुहार लगाई थी। डीएम के ओएसडी ने मौलेश्वरी राम के आवेदन की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश डीईओ को दिया। डीईओ ने डीपीओ स्थापना गोपाल कृष्ण को और डीपीओ स्थापन ने छह मई को हलसी के बीईओ को पत्र जारी कर आवेदन पत्र अग्रतर कार्रवाई करके रिपोर्ट मांगी। हलसी के बीईओ विनोद कुमार साव ने 26 मई को आदेश जारी कर मौलेश्वरी राम को पुन: उसी विद्यालय में योगदान करा दिया। डीईओ और डीपीओ ने इस मामले में खुद को अनजान बता कर सीधे बीईओ को कठघड़े में खड़ा कर दिया है। उधर बीईओ विनोद कुमार साह ने बताया कि हमने डीपीओ स्थापना के आदेश पर मौलेश्वरी राम को योगदान कराया है।

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